जबलपुर: पॉजिटिव आने के बाद भी सैंपल नहीं भेज रहे निजी अस्पताल

शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा डेंगू संदिग्ध पीड़ितों का इलाज, विभाग के आँकड़ों में दर्ज नहीं हो पा रहे मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-30 08:27 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

बीते एक माह से शहर में वायरल के प्रकोप के साथ डेंगू के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज भी सामने आ रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में लंबी कतारें दिख रही हैं वहीं ब्लड बैंकों में पीआरपी की डिमांड में भी इजाफा हुआ है, हालाँकि सरकारी आँकड़ों में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी वास्तविक आँकड़ों से कम है। जिसका सबसे बड़ा कारण किट से होने वाली डेंगू की जाँच है। निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में होने वाली किट जाँच में मरीज के पॉजिटिव आते ही डेंगू का उपचार शुरू कर दिया जाता है, लेकिन मरीज का सैंपल स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुँचता, जबकि विभाग की ओर से इस बात के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि डेंगू के संदिग्ध मरीजों का सैंपल एलायजा टेस्ट के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाए। ऐसा न किए जाने पर कुछ अस्पतालाें को भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी निजी अस्पताल सैंपल भेजने में आनाकानी कर रहे हैं। शहर में चल रहे 70 से ज्यादा निजी अस्पतालों में से एलायजा टेस्ट के लिए सैंपल भेजने वाले निजी अस्पतालों की संख्या दहाई के आँकड़े से भी कम है।

सैंपल भेजने वाले अस्पताल बेहद कम

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आरके पहारिया का कहना है कि पीआरपी की डिमांड केवल डेंगू में नहीं बल्कि कुछ क्रोनिक डिसीज और वायरल जैसी समस्याओं में होती है और कई मामलों में देखा जाता है कि थोड़े प्लेटलेट्स कम होने पर भी पीआरपी चढ़ा दिया गया। सिर्फ यह कहना कि पीआरपी की डिमांड बढ़ी है तो डेंगू भी बढ़ा है, उतना सही नहीं है। हालाँकि संदिग्ध मरीजों का उपचार कर रहे निजी अस्पताल एलायजा टेस्ट के लिए सैंपल अब भी नहीं भेज रहे हैं, सैंपल भेजने वाले अस्पतालों की संख्या बेहद कम है।

दो माह में 70 डेंगू पीड़ित मिले

मलेरिया विभाग के आँकड़ोें पर गौर करें तो बीते दो माह में 72 डेंगू पीड़ित शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज हुए हैं, हालाँकि मरीजों की संख्या और अधिक भी हो सकती है, एलायजा टेस्ट न होने के कारण ऐसे मामले रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाते। वहीं दो माह में 59 मरीजों में चिकनगुनिया मिला है। इसके अलावा मात्र 3 मरीज ही मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं। बीते कुछ वर्षों की बात करें तो शहर में समय-समय पर डेंगू का कहर देखने मिला है। वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा 781 मरीज रिकॉर्ड में दर्ज हुए थे। 

पिछले कुछ वर्षों में जिले में मच्छर जनित रोगों की स्थिति

वर्ष मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया

2015 374 41 05

2016 374 17 10

2017 316 130 81

2018 230 825 1543

2019 94 393 239

2020 35 39 34

2021 22 781 102

2022 27 139 126

2023 9 128 105

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