jabalpur: बिना एनओसी लिए ही बेच दी शैक्षणिक उपयोग के लिए लीज पर मिली बेशकीमती जमीन

जॉय स्कूल के संचालक ने नगर निगम से एनओसी लिए बिना ही उस जमीन को किसी अन्य को बेच दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-28 18:08 GMT

Jabalpur News। अवैध फीस वसूली के मामले में कार्रवाई के दायरे में आए जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन के खिलाफ एक और बड़ा मामला सामने आया है। बताया गया है कि जॉय स्कूल के संचालक को चंचल बाई कॉलेज के समीप राइट टाउन में शैक्षणिक उपयोग के लिए 7250 वर्गफीट जमीन की लीज मिली थी। लीज की शर्त में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ था कि जमीन का उपयोग केवल शैक्षणिक कार्य के लिए ही किया जाएगा। इसके बाद भी जॉय स्कूल के संचालक ने नगर निगम से एनओसी लिए बिना ही उस जमीन को किसी अन्य को बेच दिया। गड़बड़ी सामने आते ही अब नगर िनगम ने लीज निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग ने वर्ष 1990 में जॉय स्कूल के संचालक को शैक्षणिक उपयोग के लिए 7250 वर्गफीट जमीन 30 साल की लीज पर दी थी। इसके बाद यहाँ पर स्कूल का संचालन किया जा रहा था। वर्ष 2022 में 30 साल के लिए दोबारा जमीन की लीज का नवीनीकरण कराया गया और इसके बाद शैक्षणिक मद की उक्त जमीन को डॉ. राजीव जैन को बेच दिया गया।

जमीन पर तन रही चार मंजिला इमारत

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई कि राइट टाउन स्थित स्कूल की जमीन पर चार मंजिला इमारत बन रही है। इसका कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। इसमें अस्पताल बनाया जा रहा है जिसके लिए नगर िनगम में नक्शा भी प्रस्तुत किया गया था। गड़बड़ी सामने आने पर शैक्षणिक मद की जमीन पर अस्पताल निर्माण के नक्शे को निरस्त कर दिया गया है।

मद परिवर्तन की अनुमति भी निरस्त

बताया गया है कि जॉय स्कूल के संचालक ने 6 माह पूर्व जमीन के मद परिवर्तन के लिए आवेदन दिया था। आवेदन में जमीन का मद शैक्षणिक से परिवर्तित कर व्यावसायिक करने की माँग की गई थी। निगमायुक्त ने मद परिवर्तन के आवेदन को निरस्त कर दिया है।  

नगरीय प्रशासन विभाग ने जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन को राइट टाउन में शैक्षणिक मद में जमीन आवंटित की थी। उस जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए बेच दिया गया है। नगर निगम ने मामले की जाँच के साथ कार्रवाई शुरू कर दी है।

- प्रीति यादव, निगमायुक्त, जबलपुर

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