जबलपुर: जेल के बंदियों को वीडियो काॅल पर मिलेगा चिकित्सकाें का परामर्श

  • केंद्रीय कारागार और मेडिकल कॉलेज के बीच तय हुई रूपरेखा
  • शुरुआत आज, अस्पताल ले जाने का खर्च भी बचेगा
  • टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू करने केंद्रीय कारागर प्रबंधन से चर्चा हो गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-30 10:43 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में निरुद्ध बंदियों को अब वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जेल में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिलेगा। इसके लिए जेल प्रशासन आज से टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू करने जा रहा है।

अस्वस्थ बंदियों को परामर्श और उपचार देने के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे, जिसके लिए जेल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बीच रूपरेखा तय हाे गई है।

जेल में टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध होने से बंदियों को समय पर उपचार तो मिलेगा ही, साथ ही जेल प्रबंधन द्वारा बंदियों को अस्पताल लाने ले जाने में लगने वाले समय, आर्थिक खर्च और सुरक्षा की भी बचत होगी।

मेडिकल कॉलेज में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जगह तय हो गई है, साथ हर दिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता हो सके, इसलिए रोस्टर बनाया जा रहा है। टेलीमेडिसिन के लिए दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक, 1 घंटे का समय तय किया गया है।

रोजाना अस्पताल जाते हैं बंदी

प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कारागार में टेलीमेडिसिन सेंटर बनाने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए हैं, जिसके चलते मेडिकल कॉलेजों को केंद्रीय कारागारों से जोड़ा जा रहा है।

वर्तमान में जबलपुर केंद्रीय कारागार के अलावा दमोह, कटनी, सतना, मंडला, डिंडौरी जैसे जिलों के कारागार से भी रोजाना बंदी इलाज के लिए जबलपुर आते हैं। इन्हें मिलाकर रोजाना 15 से 20 बंदियों को अस्पताल लाया ले जाया जाता है।

केंद्रीय कारागार में आज से टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू हो जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बंदी विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले सकेंगे। समय पर बीमारियों का उपचार और फॉलोअप हो सकेगा। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ इस संबंध में बैठक हो चुकी है।

-अखिलेश तोमर, अधीक्षक, केंद्रीय कारागार

टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू करने केंद्रीय कारागर प्रबंधन से चर्चा हो गई है। कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएँ देंगे। हर विभाग से फैकल्टीज उपलब्ध होंगी। प्रत्येक दिन दो चिकित्सक वीसी के जरिए जुड़ेंगे, इसके लिए रोस्टर बनाया जा रहा है।

डॉ. नवनीत सक्सेना, डीन, मेडिकल कॉलेज

सेंटर से होंगे ये फायदे

बंदी प्राथमिक स्तर पर लक्षण बताकर उपचार ले सकेंगे, इसके अलावा बीमारी से पीड़ित होने की स्थिति में समय पर फाॅलोअप मिलेगा। गंभीर बीमारियाँ शुरुआत में ही पकड़ में आ सकेंगी।

अस्पताल ले जाने के लिए कई बार समय पर गार्ड की उपलब्धता नहीं होती, जिससे फॉलोअप अथवा उपचार में देरी होने का चांस होता है। टेलीमेडिसिन सेंटर होने पर यह दिक्कत नहीं हाेगी।

इस तरह काम करेगा सेंटर

बीमारी और उसके विशेषज्ञ के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित होंगे।

मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विधाओं के चिकित्सक बंदियों के लिए उपलब्ध हो जाएँगे।

किसी मरीज को भर्ती करने अथवा गंभीर होने की स्थिति में ही अस्पताल ले जाने की जरूरत होगी।

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