Jabalpur News: मेडिकल कॉलेज में अब 20 तरह की जाँचें और होंगी

  • पहल: आउटसोर्स सेंट्रल लैब में आएँगे नए उपकरण, एचबीए1सी और सीएसएफ की जाँच भी शामिल
  • ठेका कंपनी ने एक साथ सभी जाँचें शुरू न करके तीन चरणों में सभी जाँचें शुरू करने की योजना बनाई है
  • कंपनी को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में लैब संचालन के लिए जगह दी गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-07 12:46 GMT

Jabalpur News: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में संचालित आउटसोर्स सेंट्रल लैब में एचबीए1सी (शुगर) और सीएसएफ समेत करीब 20 तरह की जाँचों की सुविधा अब मिलने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आउटसोर्स लैब में संबंधित जाँचों से जुड़े उपकरण नहीं थे, जिसके चलते जाँचें नहीं हो पा रही थीं, लेकिन अब शीघ्र ही उपकरण आते जा रहे हैं।

ठेका कंपनी ने एक साथ सभी जाँचें शुरू न करके तीन चरणों में सभी जाँचें शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका पहला चरण लैब की शुरुआत के साथ ही शुरू हो गया था। दूसरे चरण में अब एचबीए1सी और सीएसएफ जैसी महत्वपूर्ण जाँचें भी होंगी।

ओपीडी में प्रतिदिन बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आते हैं, जिनके विकार के निदान के लिए शुगर की एचबीए1सी जाँच रिपोर्ट आवश्यक होती है। गर्भवतियों के शरीर में शुगर की मात्रा की जानकारी का पता लगाने के लिए एचबीए1सी की आवश्यकता होती है।

एचबीए1सी जहाँ 3 माह में होने वाली शुगर की जाँच है, वहीं मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी में संक्रमण के परीक्षण के लिए सेरिब्रल स्पाइनल फ्लूइड टेस्ट (सीएसएफ) होता है। दरअसल नई व्यवस्था के तहत बीते वर्ष से मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल लैब एक निजी कंपनी द्वारा संचालित की जा रही है।

कंपनी को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में लैब संचालन के लिए जगह दी गई है। जहाँ पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी से जुड़ी जाँचें हो रही हैं।

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