Jabalpur News: देश के टॉप-100 कॉलेजों में शामिल हुआ शहर का शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय
- अच्छी खबर: एनसीआईएसएम ने पहली बार कराई ग्रेडिंग
- मिली 98वीं रैंक, सूची में मप्र के 8 कॉलेजों को मिली रेटिंग
Jabalpur News: नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने पहली बार देश के आयुर्वेद कॉलेजों की ग्रेडिंग करते हुए रैंकिंग प्रदान की है, जिसमें गौरीघाट स्थित शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को टॉप-100 आयुर्वेद संस्थानों में जगह मिली है।
कॉलेज को 55.25 पर्सेंटाइल मिले हैं, जिसके बाद देश में 98वीं रैंक दी गई है, वहीं ग्रेडिंग में बी ग्रेड मिला है। इस सूची में मप्र से कुल 8 कॉलेजों को जगह मिली है, जिसमें भोपाल के शा. आयुर्वेद कॉलेज को 37वीं रैंक के साथ ए ग्रेड, शा. आयुर्वेद कॉलेज इंदौर को 89 रैंक के साथ बी ग्रेड के अलावा भोपाल के दो निजी आयुर्वेद कॉलेजों को क्रमश: 59 व 81वीं रैंक, इंदौर के एक निजी आयुर्वेद कॉलेज को बी ग्रेड के साथ 76वीं रैंक, बैतूल और मंदसौर के एक-एक निजी कॉलेज को क्रमश: 112 व 119वीं रैंक के साथ सी ग्रेड दिया गया। जानकारी के अनुसार प्रक्रिया में उन कॉलेजों को ही शामिल किया गया, जिन्हें तीन वर्षों से निरंतर शत प्रतिशत सीटों पर प्रवेश मिल रहे हैं। एनसीआईएसएम की टीम ने 2 माह पहले आयुर्वेद कॉलेजों का निरीक्षण किया था।
रेटिंग व ग्रेड से यह मिलेगा फायदा
जानकारी के अनुसार रेटिंग-ग्रेड मिलने के पश्चात इन कॉलेजों को रिसर्च, यूजी-पीजी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ राज्य व केंद्र की आयुष से संबंधित योजनाओं का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। ए ग्रेड प्राप्त कॉलेज एनसीआईएसएम की सहमति पर 5% ज्यादा विकास शुल्क लेने के हकदार होंगे, जिसका उपयोग संस्थान व कॉलेज हित में होगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में 7 शासकीय व 29 निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। वहीं शहर में शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के अलावा 2 निजी आयुर्वेद कॉलेज संचालित हो रहे हैं। एनसीआईएसएम ने सत्र 2024-25 के लिए देशभर के 221 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को रेटिंग ग्रेड व रैंक प्रदान किया है। जिसमें जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद को 99.54 पर्सेंटाइल के साथ प्रथम रैंक मिली है।
संस्थान के हित में है रेटिंग
आयुष मेडिकल एसो. के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय ने बताया कि प्रदेश समेत देशभर के 552 आयुर्वेद कॉलेजों में से 221 को ही रेटिंग अवाॅर्ड व ग्रेड मिल सका है। निश्चित रूप से यह छात्र व संस्थान के हित में है। भविष्य में देशभर के समस्त आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को रेटिंग व ग्रेड के लिये एनसीआईएसएम अथवा सरकार द्वारा बनाई गई।
रेटिंग का फायदा मिलेगा। कॉलेजों को रिकग्निशन मिलेगा। बीते कुछ वर्षों से हमारे कॉलेज में शत-प्रतिशत सीटों पर प्रवेश हो रहे हैं, इसी वजह से निरीक्षण के लिए चुना गया था।
-डॉ. एलएल अहिरवाल, प्राचार्य, आयुर्वेद कॉलेज