जबलपुर: दो इंस्टॉलमेंट की रियायत मिली पर पोर्टल अभी भी माँग रहा एकमुश्त
- विद्यार्थियों के सामने एक और दुविधा, आज सुलझ सकता है मसला लेकिन आज ही लास्ट डेट भी
- दो किश्तों में फीस जमा करने की राहत मिलने के बावजूद कई छात्र प्रवेश प्रक्रिया से वंचित हो सकते हैं।
- बीएड, एमएड के लिए प्रवेश का दूसरा चरण जारी है। 13 जून को प्रवेश की दूसरी सूची जारी होगी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में फीस को लेकर रियायत तो मिल गई है लेकिन पोर्टल अभी भी पुराने फार्मूले पर ही अटका हुआ है। नतीजा यह है कि आदेश जारी होने के बावजूद छात्रों काे न तो छूट का फायदा मिल पाया और न ही प्रवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ पाई।
उच्च शिक्षा विभाग ने एक मुश्त की जगह दो किश्तों में फीस जमा करने की सुविधा तो दे दी है लेकिन पोर्टल अभी भी अपडेट नहीं हो सका है। जानकारों का कहना है कि विभागीय पोर्टल पर आदेश न होने से कॉलेजों में संशय की स्थिति बनी हुई है। ऑनलाइन चलने वाली प्रक्रिया भी थम सी गई है।
राहत के बाद भी कई छात्र वंचित होंगे
दो किश्तों में फीस जमा करने की राहत मिलने के बावजूद कई छात्र प्रवेश प्रक्रिया से वंचित हो सकते हैं। जानकारों का कहना है सोमवार को पोर्टल अपडेट हो सकता है। खास बात यह है कि आज 3 जून को ही लास्ट डेट भी है। जाहिर सी बात है कि साइट पर लोड रहेगा और छात्रों का चंद घंटे का ही समय मिल सकेागा। ऐसे में कई छात्र प्रवेश हासिल करने से छूट भी सकते हैं।
कॉलेजों ने लिखा पत्र, तब मिली राहत
सत्र 2024-25 में प्रवेश के दौरान फीस को लेकर विभाग ने पहले एक मुश्त शुल्क जमा करने का नियम लागू किया था। इस वजह से कई विद्यार्थी आर्थिक तंगी के कारण प्रवेश नहीं ले पा रहे थे। काॅलेजों ने इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर शुल्क के लिए किश्तों में जमा करने की सुविधा देने की माँग उठाई थी।
इसके बाद शुक्रवार को विभाग ने पाँच हजार से ऊपर शुल्क के सभी पाठ्यक्रम के लिए दो किश्तों में शुल्क जमा करने की सुविधा देने का आदेश जारी किया था। इस आदेश में बीएड, एमएड के अलावा परम्परागत पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी शामिल थे।
बीएड की दूसरी लिस्ट 13 को
बीएड, एमएड के लिए प्रवेश का दूसरा चरण जारी है। 13 जून को प्रवेश की दूसरी सूची जारी होगी। पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी मेरिट ऊँची जाने की संभावना जताई जा रही है। कारण बताया जा रहा है कि इस बार निर्धारित सीटों से कहीं ज्यादा विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है।
दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग ने च्वाइस फिलिंग में अधिकतम दस काॅलेज का चयन करने का विकल्प रखा है। पिछले साल तक न्यूनतम 20 काॅलेज का विकल्प दिया गया था। इस वजह से भी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।