जबलपुर: बिजली सप्लाई का अधिकार देने से कॉलोनीवासियों में बढ़ेंगे विवाद
- इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में बदलाव का मामला
- विद्युत नियामक आयोग को भेजी आपत्ति
- अवैध कॉलोनियों के पदाधिकारी लाभ उठा सकते हैं, जिससे रहवासियों को नुकसान हो सकता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में प्रस्तावित तीसरे संशोधन के कारण बिजली सप्लाई के अधिकार मिलने से सोसायटीज के पदाधिकारी चुनावी रंजिश तथा आपसी मनमुटाव के चलते भेदभाव करेंगे।
इससे कॉलोनी रहवासियों में आपसी तनाव होंगे एवं झगड़े बढ़ेंगे। यदि सोसायटी निष्क्रिय या भंग हो जाएगी तो बिजली सप्लाई तथा बिल जमा करने में अड़चनें भी पैदा होंगी। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा।
यह आपत्ति गुरुवार को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजी है। उल्लेखनीय है कि आयोग ने क्लॉज नंबर 4.67 में संशोधन कर 4 प्रावधानों को जोड़कर कहा है कि सिंगल कनेक्शन पर बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी, जिससे कॉलोनी की सोसायटी, घरों या फ्लैट में बिजली सप्लाई कर सकेगी।
अवैध कॉलोनियों के पदाधिकारी लाभ उठाएँगे
मंच के डॉ. पीजी. नाजपांडे ने बताया है कि कॉलोनियों को सहकारी संस्था अधिनियम के साथ-साथ म्युनिसिपल काॅर्पोरेशन एक्ट तथा रेरा कानून के तहत पंजीकृत करना जरूरी है, लेकिन संशोधन में केवल सरकार से पंजीकृत करने को कहा गया है। इस असमंजस का अवैध कॉलोनियों के पदाधिकारी लाभ उठा सकते हैं, जिससे रहवासियों को नुकसान हो सकता है।
आर्थिक बोझ बढ़ेगा
संशोधन के अनुसार मीटर रीडिंग, बिलिंग आदि व्यवस्थाओं के खर्च के लिए सोसायटी अतिरिक्त वसूली कर सकेगी। इन अतिरिक्त राशियों के कारण बिजली के दाम बढ़ेंगे, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा।