जबलपुर: तीन-तीन दिन नहीं आ रही कचरा गाड़ी, लग रहा है कचरे का अंबार
- परेशान हो रहे लोग, नगर निगम के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
- वार्ड के सुपरवाइजर से शिकायत करने के बाद भी रोजाना कचरा नहीं उठ रहा।
- विशेष तौर पर त्योहार के समय कचरा गाड़ी नहीं आती।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में एक बार फिर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था परेशानी का सबब बनती जा रही है। शहर के कई क्षेत्रों में तीन-तीन दिन तक कचरा गाड़ी नहीं आ रही है। इससे लोगों के घरों में कचरे का अंबार लग रहा है। कचरा गाड़ी के लिए लोग नगर निगम के अधिकारियों को फोन कर रहे हैं, लेकिन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है।
नगर निगम की ओर से शहर के हर क्षेत्र में रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था की गई है। शहर के विजय नगर, जगदम्बा नगर, स्टेट बैंक कॉलोनी, संजीवनी नगर, गुलौआ, धनवंतरी नगर, अधारताल, मदार टेकरी, मोहरिया, काँचघर, प्रेमसागर और रांझी के कई इलाकों में तीन-तीन दिन कचरा गाड़ी नहीं पहुँच रही है।
विशेष तौर पर त्योहार के समय कचरा गाड़ी नहीं आती। वार्ड के सुपरवाइजर से शिकायत करने के बाद भी रोजाना कचरा नहीं उठ रहा। इससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। नागरिकों का कहना है कि नगर निगम ने हाल ही में रांझी और क्रेशर बस्ती में कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए हैं।
नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा था कि कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनने से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था में सुधार होगा, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
एक दर्जन से अधिक कचरा गाड़ी खराब
नगर निगम और निजी कंपनी को मिलाकर 350 कचरा गाड़ियाँ हैं। जानकारों का कहना है कि कचरा गाड़ियों का नियमित रूप से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है। इसके कारण लगभग एक दर्जन कचरा गाड़ियाँ हमेशा खराब रहती हैं। ड्राइवरों की कमी के कारण कुछ गाड़ियाँ नहीं निकल पातीं। इसका असर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पर पड़ता है।
अधिकारी नहीं करते मॉनिटरिंग
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन गाड़ियाँ किन क्षेत्रों में जा रही हैं और किन क्षेत्रों में नहीं। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग नहीं करते। इसी वजह से नगर निगम और निजी कंपनी के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अगर अधिकारी गंभीर हो जाएं तो ऐसी स्थिति ही न बने।
त्यौहार और किसी अन्य वजह से कुछ ड्राइवर अवकाश पर थे, इसके कारण कुछ क्षेत्रों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था आंशिक रूप से प्रभावित हुई थी। अब व्यवस्था पूरी तरह से सामान्य हो गई है।
-संभव मनु अयाचीस्वास्थ्य अधिकारी, ननि