वन्य प्राणियों के रहन-सहन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर वन विभाग की पहल

स्कूली बच्चे होंगे जंगल की दुनिया से रू-ब-रू

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-11 08:36 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जंगल में वन्य प्राणी कहाँ रहते हैं, कैसे शिकार करते हैं, किस पेड़ की क्या अहमियत है, कौन सा पौधा हमारे जीवन के लिए उपयोगी है। ये तमाम बातें नई पीढ़ी के लिए रहस्य बनती जा रही हैं। क्योंकि आजकल के नौनिहाल ज्यादातर समय पढ़ाई के बोझ से जूझते रहते हैं या मनोरंजन के लिए मोबाइल की रील्स में उलझे रहते हैं।

जंगल की भी अपनी एक अलग दुनिया होती है, इसके संरक्षण और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए वन विभाग ने नई कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत स्कूली बच्चों को वन-डे पिकनिक के जरिए जंगल की दुनिया से रू-ब-रू कराया जाएगा।

प्रदेश वन विभाग के निर्देश पर जबलपुर वन मंडल ने इसे अनुभूति कार्यक्रम का नाम दिया है। जिसे जिले की सभी रेंजों में प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। फरवरी की शुरुआत से मार्च के अंतिम सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में शहर और ग्रामीण अंचलों के सरकारी-प्राइवेट स्कूलों को इस कार्यक्रम में जोड़ने के लिए वन विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलेगी प्रेरणा

इस कार्यक्रम के पीछे वन विभाग का मकसद नई पीढ़ी को वाइल्ड लाइफ से जोड़कर पर्यावरण का संरक्षण करना है। बच्चों के साथ युवा पीढी को भी इस कार्यक्रम से जोड़कर शहर के आसपास जंगली एरिया को संरक्षित करने को भी पहल होगी।

एक्सपर्ट्स देंगे हर तरह की जानकारी

अनुभूति कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को समीप के जंगली एरिया में पिकनिक के लिए ले जाया जाएगा। जहाँ वाइल्ड लाइफ से जुड़े एक्सपर्ट्स बच्चों को जंगल का भ्रमण कराने के साथ पेड़-पौधों, वन्य प्राणियों व पक्षियों से जुड़ी हर वो बात प्रत्यक्ष रूप से समझाएँगे जो उनके लिए नई होगी।

प्रदेश मुख्यालय के निर्देश पर वाइल्ड लाइफ के प्रति नई पीढ़ी को सजग करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए अनुभूति कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

- अपूर्व शेखर शर्मा, रेंजर जबलपुर

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