जबलपुर: पहली बार जबलपुर में एडवेंचर मोटर स्पोर्ट्स, रोड क्लीयरेंस, ट्रैक्शन जैसे 10 ऑब्सटेकल का मिलेगा रोमांच
- रक्षा मंत्रालय कराएगा ऑफ रोड व्हीकल राइडिंग कॉम्पिटीशन
- निगमीकरण के बाद से सुरक्षा संस्थानों के वर्किंग पैटर्न में काफी कुछ बदलाव देखने मिला है
- पिछले तकरीबन दो-तीन महीनों की मशक्कत के बाद एडवेंचर मोटरिंग के लिए कई सौर सेगमेंट जोड़े गए हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एडवेंचर मोटर स्पोर्ट्स का जिक्र होते ही जेहन में कई रोमांचक तस्वीरें उभरती हैं। आम तौर पर स्पोर्ट्स चैनल्स पर दिखाई देने वाला यह इवेंट पहली बार जबलपुर में होने जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय की यूनिट आर्म्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (एवीएनएल) 5 मई को व्हीकल फैक्ट्री में यह कॉन्टेस्ट कराने जा रही है जिमसें देश भर के राइडर्स शामिल होंगे। इसके लिए वीएफजे में ढाई एकड़ का ऑफ रोड एडवेंचर ट्रैक तैयार किया गया है।
निगमीकरण के बाद से सुरक्षा संस्थानों के वर्किंग पैटर्न में काफी कुछ बदलाव देखने मिला है। वाहन निर्माणी का रुझान मोटर स्पोर्ट्स के प्रति बढ़ा है। यही वजह है कि वीएफजे अपनी लीक से हटकर एकदम नया इवेंट कराने जा रही है।
देश भर से एंट्री
खास बात यह है कि इस मोटर स्पोर्ट्स इवेंट में देश भर के राइडर्स शामिल हो सकेंगे। हालांकि इससे पहले भी बीते वर्ष वाहन निर्माणी ने फुल थ्रोटल टर्मेक ऑटो क्रॉस रेस का आयोजन किया था, जिसमें जबलपुर से शुरू होकर तकरीबन एक हजार किमी का लंबा रूट तय किया गया।
इस बार निर्माणी इस इवेंट को और ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए एडवेंचर सेगमेंट को जोड़ रही है।
एडवेंचर के सेगमेंट
मोटर स्पोर्ट्स के लिए शोभापुर में वीएफजे ने अपने एक ढाई एकड़ के ग्राउंड को ऑफ रोड ट्रैक में तब्दील कर दिया है।
पिछले तकरीबन दो-तीन महीनों की मशक्कत के बाद एडवेंचर मोटरिंग के लिए कई सौर सेगमेंट जोड़े गए हैं।
ट्रैक पर कई भारी भरकम गड्ढे तो कहीं हाई जंपिंग ब्रेकर्स बनाए गए हैं। ट्रैक पर सेफ्टी फीचर्स का पूरा ध्यान रखा गया है।
ट्रैक पर कई ऐसे जिगजैग, अप-डाउन स्लोप्स तैयार किए गए हैं जो कारों के ग्राउंड क्लीयरेंस को चैलेंज करेंगे।
बड़ी जिम्मेदारी, फिर भी बेपरवाह
मोटर स्पोर्ट्स की बड़ी जिम्मेदारी होने के बावजूद निर्माणी के कई अधिकारी गंभीर नहीं हैं। प्रतिभागियों का आरोप है कि इवेंट में शामिल होने और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए जिस नंबर का प्रमोशन किया गया उस पर कॉल ही अटेंड नहीं की जा रही।
इससे साबित होता है कि जिस अफसर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है वे कितने गंभीर हैं। इसके अलावा जिस साइट का हवाला दिया गया है वह भी कई प्रयासों के बाद भी ओपन नहीं हो पा रही।