जबलपुर: इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मौजूद नहीं था फिर भी गंभीर मरीज को लेने भेज दी एम्बुलेंस

  • एम्बुलेंस में महिला की मौत का मामला
  • वाहन के पायलट ईएमटी और जिला मैनेजर को दिया कारण बताओ नोटिस
  • गंभीर मरीज को ले जाने के लिए बिना ईएमटी के ही 108 एम्बुलेंस भेज दी गई।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-31 11:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गुरुवार की रात जिला अस्पताल से मेडिकल ले जाते वक्त 108 एम्बुलेंस में एक महिला की मौत से जुड़े मामले में यह बात सामने आई है कि एम्बुलेंस में कोई इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) नहीं था।

सूत्रों का कहना है कि संबंधित एम्बुलेंस में जिस ईएमटी की ड्यूटी लगाई गई थी, वह बीमार होने के चलते ड्यूटी पर नहीं था। एम्बुलेंस के ड्राइवर ने ईएमटी नहीं होने की सूचना भी भोपाल कंट्रोल रूम में दी थी, इसके बाद भी गंभीर मरीज को ले जाने के लिए बिना ईएमटी के ही 108 एम्बुलेंस भेज दी गई।

इधर घटना व लापरवाही सामने आने के बाद एम्बुलेंस सर्विस प्रदाता कंपनी ने डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, गाड़ी के पायलट और ईएमटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कहा जा रहा है कि उस पर पद से हटाने की कार्रवाई हो सकती है।

कोई दूसरी एम्बुलेंस क्यों नहीं भेजी? |

एम्बुलेंस में बीच रास्ते महिला की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब एम्बुलेंस में ईएमटी नहीं था, तो उसकी जगह पर किसी दूसरे टेक्नीशियन को ड्यूटी पर क्यों नहीं लगाया गया? या फिर जब एम्बुलेंस ड्राइवर ने ईएमटी न होने की सूचना कंट्रोल रूम में दी थी तो तत्काल कोई दूसरी एम्बुलेंस असाइन क्यों नहीं की गई? एम्बुलेंस जैसी जरूरी व महत्वपूर्ण सेवा के क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही बेहद गंभीर है। इस तरह की लापरवाहियाँ ही सीरियस मरीजों की जान पर भारी पड़ती है।

इन्हें जारी किया नोटिस

बताया गया है कि एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी ने एम्बुलेंस ड्राइवर मो. याकूब, ईएमटी नवीन और डिस्ट्रिक्ट मैनेजर नौशाद हसन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि ईएमटी ने अस्वस्थ होने और ड्यूटी पर न पहुँचने की सूचना शीर्ष अधिकारी को दी थी, लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा कोई दूसरा ईएमटी ड्यूटी पर नहीं भेजा गया।

यह है पूरा मामला

जिला अस्पताल में इलाजरत सिविल लाइन निवासी 40 वर्षीय अरुणा मिश्रा का गुरुवार को स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ गया। स्थिति को देखते हुए देर रात उन्हें मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। मरीज को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल ले जाया गया, लेकिन मेडिकल पहुँचने से पहले ही महिला की मृत्यु हो गई। इस दौरान एम्बुलेंस में कोई टेक्नीशियन मौजूद नहीं था। परिवार वालों का कहना है कि यदि एम्बुलेंस में कोई टेक्नीशियन उपस्थित होता तो अरुणा की जान बच सकती थी।

मामला संज्ञान में आया है, इसकी जाँच शुरू कर दी है। डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, गाड़ी के पायलट और ईएमटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जाँच रिपोर्ट आने के बाद उक्त कर्मियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

- तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, 108 एम्बुलेंस भोपाल

भोपाल में विभागीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है, जिसके बाद एम्बुलेंस सर्विसेज के जिला मैनेजर और गाड़ी के ड्राइवर को नोटिस जारी कर उन्हें पद से हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

- डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

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