जबलपुर: टोल नाकों पर डिजिटल वसूली, परिवहन के नाकों पर ली जा रही है नकद राशि
- परिवहन विभाग में अजब हाल, लोगों ने कहा- खुद कमीशन को बढ़ावा दे रहा विभाग
- शहर के दर्जनों लोग ऐसे, जो राज्य की बाॅर्डर पर जाकर डिजिटल पेमेंट न होने पर हो रहे परेशान
- परिवहन नाकों पर राज्य स्तर पर डिजिटल ट्रांजैक्शन की व्यवस्था जल्द की जा रही है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक तरफ केन्द्र से लेकर राज्य सरकार द्वारा तक टोल नाकों पर डिजिटल पेमेंट, यूपीआई को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ राज्य के परिवहन विभाग के चेकपोस्ट पर अब भी व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है। इसमें बानगी के तौर पर परिवहन विभाग में जुर्माने या कार्रवाई के रूप में ली जाने वाली पेमेंट को ही लिया जा सकता है।
राज्य के टोल नाकों पर डिजिटल पेमेंट कटती है तो परिवहन चेकपोस्ट पर अब भी कैश में भुगतान होता है, जब कहीं जाकर रसीद मिल रही है। ऐसे चेकपोस्ट नाकों पर पहुँचकर लोग सवाल उठाते हैं कि आखिर डिजिटल पेमेंट क्यों नहीं लिया जा रहा है।
अब भी व्यवस्था दशकों पुरानी क्यों हैं, इससे खुद विभाग ऐसे केन्द्रों के नजदीक कमीशनखोरी को बढ़ावा दे रहा है ।
परिवहन नाकों पर राज्य स्तर पर डिजिटल ट्रांजैक्शन की व्यवस्था जल्द की जा रही है। इसको लेकर विभाग प्रयास कर रहा है।
देवेश बाथम, मुख्य परिवहन अधिकारी, खवासा चेकपोस्ट एरिया
यहाँ जाकर परेशान हो जाते हैं लोग
सिवनी की खवासा मेटवानी चेकपोस्ट पर शहर और आसपास के जिलों से जाने वाले सैकड़ों की संख्या में लोग परिवहन विभाग की कार्रवाई में डिजिटल पेमेंट न होने और मौके पर पास में नकद रुपए की व्यवस्था न होने पर परेशान हो जाते हैं।
रिछाई के विक्रम गौतम ने परिवहन आयुक्त, सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी कॉमर्शियल गाड़ी क्रमांक एमपी-20 जीबी 1654, जो कि कंपनी के अतिआवश्यक कार्य के लिए नागपुर गई थी, वापसी में परमिट को लेकर कार्रवाई हुई, लेकिन डिजिटल पेमेंट न होने और नकद की मौके पर व्यवस्था न होने पर दो दिन उनकी गाड़ी खड़ी रही। सरकार को डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए।
फल-फूल रहा दलालों का कारोबार
पीड़ितों का कहना है कि खवासा बाॅर्डर पर ही कमीशन कलेक्ट करने वालों का जमावड़ा है, जो कि 10 प्रतिशत कमीशन में पैसा ऑनलाइन लेकर कैश देते हैं, जो कि कैश न होने की स्थिति में हितग्राही को मजबूरन देना पड़ता है।
लोगों का आरोप है कि बॉर्डर पर कैश निकलवाने के लिए दलालों का व्यवसाय बिना किसी रोक-टोक के फल-फूल रहा है। पीड़ित कहते हैं कि एक ओर केंद्र एवं राज्य सरकारें डिजिटल इंडिया कैंपेन को प्रमोट करती हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह कैश की आड़ में कमीशन का व्यवसाय चल रहा है।
बंद होने की है संभावना
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यों में चलने वाले ऐसे परिवहन चेकपोस्ट को बंद करने के आदेश दिए हैं। कॉमर्शियल वाहन चलाने वाले इसको लेकर लगातार मध्य प्रदेश शासन से माँग कर रहे हैं कि केन्द्र के आदेश का पालन किया जाए। इसको लेकर परिवहन विभाग बीते दो सालों से प्रक्रिया पूरी कर रहा है।