रेत उत्खनन: बीड जिले में रेत माफिया सक्रिय, धडल्ले से चल रहा अवैध खनन

प्रशासन की अनदेखी से करोड़ों का राजस्व डूब रहा -

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-29 10:18 GMT

डिजिटल डेस्क, बीड। जिले  के माजलगांव, गेवराई, परली वैद्यनाथ,केज, आष्टी,शिरूर कासार,वडवणी तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के गांव में रेत माफिया सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।  गोदावरी नदी व नदी तट से रोजाना जेसीबी व पोकलेन मशीन की सहायता से दर्जनों ट्राली व टिप्पर रेत निकाली जा रही है। खनिज विभाग के उदासीन रवैये के चलते रेत माफिया सक्रिय हो रहे हैं। गोदावरी नदी व नदी तट से रोजाना अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर ट्राली से रेत ले जाई जा रही है। इससे प्रशासन को राजस्व का चूना लग रहा है। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बावजूद वे चुप्पी साधे हुए हैं।

राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई न करने से अवैध उत्खनन करने वालों के हौसले बुलंद हैं और वह लगातार अवैध उत्खनन करने में जुटे हुए हैं। रेत माफियाओं की राजनीतिक व प्रशासनिक अच्छी पकड़ है। इस कारण क्षेत्र मे अवैध उत्खनन कर सरकार का लाखों का राजस्व को चूना लग रहा है, वहीं अधिकारी भी इसे नजरअंदाज कर अनुचित लाभ ले रहे हैं । राजस्व विभाग की ओर से अवैध खनन करने वाले के खिलाफ सक्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

 विभिन्न इलाकों में पड़े हैं रेत के ढेर

 रेत घाट बंद है किंतु अवैध रेत खनन शुरू है।जिले के विभिन्न तहसील में बांधकाम निर्माण के सामने रेत के डेरे दिखाई दे रहे हैं। इस पर पुलिस प्रशासन व राजस्व प्रशासन की अनदेखी से  रेत माफिया के हौसले बुंलद हो गए हैं।।


सरकारी तिजोरी को करोड़ रुपए का चूना

 पिछले कई माह से गोदावरी नदी व नदी पात्र में सरकारी रेत घाट शुरू नहीं होने   व इस साल बीड जिले सहित आदि जिले में बारिश कम होने से गोदावरी नदी तट में पानी कम व रेत अधिक है। इसी का फायदा रेत माफिया उठाकर खुले आम जेसीबी व पोकलेन मशीन से रेत का अवैध खनन कर  अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं।

आवास योजना के लाभार्थी परेशान

राज्य शासन ने विभिन्न घरकुल योजना के तहत घर का निर्माण करने के लिए लाभार्थियों को कम दामों पर रेत देने का आश्वासन दिया था लेकिन लाभार्थियों को  4 हजार से 5 हजार रुपए तक एक ब्रास रेत लेने की स्थिति निर्माण हुई है। 

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