सुको ने कहा- फैसला लेते वक्त हाई कोर्ट से प्रभावित न हों
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने -प्रदेश के जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह नागपुर मध्यवर्ती कारागृह अधीक्षक अनूप कुमरे पर कोई भी कार्रवाई करते वक्त बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ के निरीक्षण से प्रभावित न हो। दरअसल, हाई कोर्ट के 8 अक्टूबर 2021 के आदेश पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कुमरे के खिलाफ विभागीय जांच बिठाई थी। साथ ही नागपुर पुलिस आयुक्त को कारागृह के कैदियों को मिलने वाली पैरोल और फर्लो मामले में जांच का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेशानुसार जांच पूरी होकर रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव को सौंप दी गई है, अब उन्हें कार्रवाई पर फैसला लेना है। ऐसे में कुमरे ने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई। उनके अधिवक्ता सुधीर वोडितेल ने दलील दी कि अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्रवाई करते वक्त नागपुर खंडपीठ के निरीक्षण के प्रभाव में होंगे, जिससे कुमरे के खिलाफ विपरीत फैसला आने की संभावना है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त आदेश जारी किया है।
यह है मामला
दरअसल, कोरोना काल में जेल में बंद कैदियों के लिए राज्य सरकार ने आपातकालीन पैरोल का नियम लाया था। हनुमंत पेंदाम नामक एक कैदी ने पैरोल खत्म होने के बाद कारागृह पहुंच कर समर्पण का प्रयास किया, लेकिन उसके पास कोरोना निगेटिव प्रमाण-पत्र नहीं होने का कह कर उसे लौटा दिया गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कैदी को इसलिए आपातकालीन पैरोल नकारी गई कि उसने पिछली बार स्वयं समर्पण नहीं किया। कारागृह के इस अजीबो-गरीब कार्यप्रणाली के खिलाफ कैदी ने याचिका दायर की। हाईकोर्ट में इस प्रकरण में चली सुनवाई में कुमरे को अपनी शक्तियों के दुरुपयोग और कोर्ट की अवमानना का आरोपी माना गया। इस प्रकरण में 8 अक्तूबर 2021 को हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (कारागृह) को कुमरे के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया था।
Created On :   4 May 2023 10:30 AM IST