- Home
- /
- केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर...
केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर बनाने का प्रस्ताव नहीं, महापंचायत के विरोध के बाद की राज्य सरकार ने स्थिति स्पष्ट
- वही स्मारक व स्थल संरक्षित घोषित होते हैं
- जिनका पुरातात्विक महत्व है
डिजिटल डेस्क, देहरादून। राज्य सरकार ने साफ किया कि केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर बनाने की न तो कोई योजना है और न ही कोई प्रस्ताव। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी ऐसे किसी भी प्रस्ताव से साफ इनकार किया है। बृहस्पतिवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर बनाने के प्रस्ताव के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी थी।
मामला संज्ञान में आने के बाद शुक्रवार को सचिव संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने विभागीय अधिकारियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल के अधिकारियों की बैठक बुलाई। सचिव ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज सक्सेना से प्रस्ताव को लेकर जवाब मांगा कि शासन स्तर से इस संबंध में प्रस्ताव दिया गया या कोई आदेश जारी किया गया? इस पर प्रस्ताव या आदेश से इनकार किया गया।
सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए शासन से न तो कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और न ही भविष्य में ऐसी कोई योजना है। सरकार ने देहरादून मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तथ्यहीन और भ्रामक सूचना देना उचित नहीं है। बैठक में निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक अधीक्षण राज किशोर मीना भी मौजूद थे। पुरातात्विक महत्व के 70 स्मारक विभाग के अधीन
निदेशक संस्कृति बीना भट्ट ने बताया कि विभाग के अधीन वही स्मारक व स्थल संरक्षित घोषित होते हैं, जिनका पुरातात्विक महत्व है। वर्तमान में ऐसे 70 स्मारक व स्थल संरक्षित घोषित हैं। जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से 43 स्मारक व स्थल संरक्षित घोषित हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सूचनाओं को बताया निराधार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पत्र जारी कर केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर बनाने के प्रस्ताव की सूचना को निराधार बताया है। कहा गया है कि इस संबंध में शासन की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और न ही विचाराधीन है।
(आईएएनएस)
Created On :   23 April 2022 6:02 PM IST