इंदौर से अमलनेर आ रही बस नर्मदा नदी में गिरी, 12 यात्रियों की मौत - 10-10 लाख का मुआवजा
डिजिटल डेस्क, जलगांव । इंदौर से अमलनेर आ रही एसटी निगम की बस खरगोन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सोमवार को यात्रियों से भरी बस नर्मदा नदी पर बने पुल से नीचे गिर गई। घटना की सूचना मिलते ही राहत दल को रवाना कर दिया गया है। बस में 40 से 50 लोग सवार थे। अब तक 12 शव निकाले जा चुके हैं। बाकी यात्रियों की तलाश की जा रही है और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
मिली जानकारी के अनुसार अमलनेर आगर का बस नंबर (एमएच 40, एन. 9848) सुबह करीब साढ़े सात बजे इंदौर से अमलनेर के लिए निकला. उसी समय बस में अचानक तकनीकी खराबी आ गई और बस खलघाट सेतु पुल से सीधे 25 फीट नर्मदा नदी में गिर गई. सूत्रों ने बताया कि बस में सवार 12 लोगों की मौत हो गई और 15 लोगों को बचा लिया गया। बस में महाराष्ट्र से कितने लोग सवार थे, इसके आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। बचाव दल मौके पर पहुंच गया है और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें बस चालक चंद्रकांत एकनाथ पाटिल और वाहक प्रकाश श्रवण चौधरी शामिल हैं।
रेस्क्यू करने में दिक्कत...
धार जिले का खलघाट पुल काफी पुराना बताया जाता है। वहां से यात्री बस नर्मदा नदी में गिर गई। नदी का बहाव तेज होने के कारण राहत और बचाव कार्य में दिक्कत हो रही है। बस में सवार 20 से 25 लोग अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू टीम उसकी तलाश कर रही है। नदी से निकाले गए शवों को पोस्टमार्टम के लिए धार अस्पताल भेज दिया गया है। बस के पुल से गिरते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। स्थानीय नागरिकों ने सबसे पहले यात्रियों को बस से बाहर निकालना शुरू किया। इसके बाद पुलिस व अन्य प्रशासनिक कर्मी मौके पर पहुंचे।
सहायता के लिए जारी की गई हेल्पलाइन
जलगांव कलेक्टर अभिजीत राउत ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि खरगोन और धार जिला प्रशासन मौके पर पहुंच गया है और क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया है. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। जलगांव जिला प्रशासन मदद के लिए संपर्क में है और एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। 09555899091 और कलेक्टर कार्यालय नियंत्रण कक्ष 02572223180, 02572217193 पर संपर्क करने का अनुरोध है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख देने के दिए आदेश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मध्य प्रदेश बस हादसे में जिन यात्रियो की मौत हुई उनके परिजनों को 10 लाख रुपये की तत्काल मदद करने के आदेश स्टेट ट्रांसपोर्ट को दिए हैं।
चंद्रकांत पाटील ड्राइवर, प्रकाश चौधरी (कंडक्टर), अविनाश परदेशी, राजू तुलसीराम, जगन्नाथ जोशी, चेतन जागीड, लिम्बाजी खाती, सैफउद्दीन अब्बास अली बोहरा, कल्पना पाटील, विकास बेरहे, आरवा मुर्ताजा बोहरा, रुख्मणीबाई जोशी
मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा
हादसे के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एसटी महामंडल को मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के निर्देश दिए। हादसे पर दुख जताते हुए शिंदे ने कहा कि जलगांव जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे राहत और बचाव का काम कर रहे स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें जिससे घायलों के उचित इलाज और मृतकों के शव वापस लाने की व्यवस्था की जा सके। इस मामले में जलगांव जिलाधिकारी कार्यालय ने नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है जिससे 02572217193 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आधार जताते हुए कहा कि उन्होंने दुर्घटना के बाद तत्काल मदद पहुंचाई। फडणवीस ने बताया कि मैने पूर्व मंत्री गिरीष महाजन को तुरंत घटनास्थल पर भेजा।
लॉकडाउन से पहले रोजाना होते एसटी से 9 हादसे
एसटी बस के दुर्घटनाओं की बात करें तो 2 अगस्त 2016 की रात महाड में हुई दुर्घटना बरबस याद आ जाती है जब रात 10 बजे के करीब सावित्री नदी पर बना 106 साल पुराना पुल बह गया। पुल के साथ उस पर से गुजर रही राज्य परिवहन की बस और एक एसयूबी 40 सवारों के साथ नदी में समा गई। हादसे के बाद कुछ शव 11 दिनों बाद 150 किलोमीटर दूरी पर मिले थे। इसी साल (2022) मई महीने में औरंगाबाद-जालना हाइवे पर एसटी बस और टेंपों की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई थी जबकि इसी महीने पालघर जिले में एसटी की बस खाईं में गिर गई थी जिसमें 15 यात्री जख्मी हो गए थे। अप्रैल महीने में पुणे से सातारा जा रही बस ने 6 लोगों लोगों को टक्कर मार दी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसी साल जनवरी में बीड में अंबेजोगाई-लातूर मार्ग पर एसटी बस और ट्रक की टक्कर में 4 की मौत हो गई थी जबकि 14 जख्मी हो गए थे। आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन और नौ महीने चली हड़ताल से पहले एसटी बस से जुड़ी रोजाना करीब 9 दुर्घटनाएं होतीं थीं। साल 2018-19 में एसटी बस दुर्घटना के 3310 हादसे दर्ज किए गए थे। इससे पहले साल 2017-18 में दुर्घटनाओं की संख्या 2933 जबकि 2016-17 में 2772 हादसे दर्ज किए गए थे।
10 साल पुरानी थी एसटी की यह बस
एसटी महामंडल द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक हादसे का शिकार हुई बस साल 2012 में बनी थी। 29 जून को ही इसकी जांच के बाद इसे पूरी तरह फिट पाया गया था। आरटीओ इंस्पेक्टर प्रशांत कनकरेज ने बस की जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी किया था। बस में ड्राइवर समेत 44 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।
Created On :   18 July 2022 1:16 PM IST