पोती की हत्या के आरोप में जेल भेजे जाने के 48 घंटे बाद बाबा की मौत
डिजिटल डेस्क,सतना। तेरह वर्षीय पोती की हत्या के आरोप में तीन दिन पहले सेंट्रल जेल भेजे गए रामकिशुन कोल पिता रामदास (62), निवासी पनघटी, थाना मझगवां को शुक्रवार की रात तकरीबन ढाई बजे उल्टी की शिकायत पर जेल प्रहरी अभिषेक निगम के साथ एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया, जहां एक घंटे तक चले उपचार के बाद उसकी सांसें थम गईं। वहीं आरोपी की मौत के लिए घरवालों ने मझगवां पुलिस पर आरोप लगाए हैं। पिछले 12 दिनों में सेंट्रल जेल में बीमारी से यह दूसरी मौत है।
क्या है मामला:-
गौरतलब है कि रामकिशुन कोल का बड़ा बेटा चंद्रकिशोर कोल अपनी पत्नी सीता कोल के साथ कुछ समय पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र के नासिक चला गया था। वह अपने साथ छोटी लड़की राधिका (6) को भी ले गया, मगर बड़ी बेटी रश्मि (13) और मझली बेटी निधि (7) को गांव में ही छोड़ गया था। उनके साथ चंद्रकिशोर की भांजी भी पनघटी में रामकिशुन और उसकी पत्नी के साथ रहती थी। पुलिस के मुताबिक 30 मार्च 2023 को आरोपी रामकिशुन जंगल से महुआ बीनकर लौटा तो आंगन में साफ-सफाई नहीं करने पर रश्मि को डाट-फटकार कर थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद लड़की कमरे में चली गई। गुस्से में आरोपी उसके पीछे गया और गला दबा दिया, जिससे लड़की की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने हत्या को खुदकुशी का रूप देने का प्रयास किया। मगर पोस्टमार्टम में फांसी लगाने की बजाय गला दबाने से मौत की बात सामने आई। तब संदेह के आधार पर 5 अपै्रल को रामकिशुन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया। तब आरोपी को कोर्ट मेें पेश कर जेल भेज दिया गया।
बेटे-बहू ने लगाया प्रताडि़त करने का आरोप:-
वहीं बुजुर्ग की मौत रामकिशुन के बड़े बेटे चंद्रकिशोर ने बेटी रश्मि की हत्या पिता रामकिशुन के द्वारा किए जाने की बात को नकाराते हुए फांसी लगाने का दावा किया। उसने गांव के ही व्यक्ति के इशारे पर पुलिस के द्वारा पिता को फंसाने का आरोप लगाया है। चंद्रकिशोर ने यह भी कहा कि पुलिस ने थाने में पिता के साथ बुरी तरह मारपीट की, जिससे निशान पूरे शरीर पर हैं। उसने जेल प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रात 3 बजे तबियत खराब होने की बात कहकर जिला अस्पताल बुलाया गया और कुछ देर बाद मौत होने की जानकारी दी गई। परिजन सतना आने के बाद दोबारा गांव लौट गए और फिर बड़ी संख्या में एकत्र होकर मझगवां थाने का घेराव कर दिया। यह सूचना मिलने पर एसडीएम पीएस त्रिपाठी और एसडीओपी आशीष जैन मझगवां पहुंचे, जहां कई घंटों तक चली समझाइश के बाद परिवार के लोग पोस्टमार्टम कराने के लिए माने और दोपहर डेढ़ बजे दोबारा सतना लौटे।
तीन डॉक्टरों ने किया पोस्टमार्टम:-
तब जाकर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिरीष शुक्ला की निगरानी में डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. एमएम पांडेय और डॉ. संदीप द्विवेदी ने शव का पोस्टमार्टम किया, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। इस दौरान जेल प्रशासन की तरफ से डिप्टी जेलर अभिमन्यु पांडेय मौजूद थे। वहीं सीएसपी महेन्द्र सिंह चौहान समेत आधा दर्जन थाना प्रभारी दलबल के साथ अस्पताल में उपस्थित थे। वहीं मझगवां थाने और मृतक के गांव में भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। तकरीबन 5 बजे शव को पनघटी के लिए रवाना किया गया। जाते-जाते परिवार के लोगों ने 10 लाख की आर्थिक सहायता और मझगवां पुलिस पर कार्रवाई की मांग दोहराई।
जेल पहुंचते ही बिगड़ी तबियत:-
डिप्टी जेलर अभिमन्यु पांडेय ने बताया कि 5 अपै्रल को जेल लाए जाने के बाद से ही आरोपी रामकिशुन कोल की तबियत बिगड़ गई थी। उसका इलाज जेल अस्पताल में कराया जा रहा था। शुक्रवार रात को लगातार उल्टी होने पर ढाई बजे जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई।
12 दिन के अंदर जेल में दूसरी मौत:-
सेंट्रल जेल में पिछले 12 दिनों के अंदर बीमारी से यह दूसरी मौत है, इससे पहले 28 मार्च को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा से दंडित होने के बाद जेल भेजे गए विद्युत कम्पनी के जेई रोहित पटेल 38 वर्ष, निवासी गोदरी, जिला रीवा की 10 घंटे बाद ही मौत हो गई थी, उसे भी उल्टी-दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं 7 अपै्रल की रात को पोती की हत्या के आरोप में जेल में बंद रामकिशुन की मौत हो गई। आरोपी को 48 घंटे पहले ही जेल भेजा गया था।
Created On :   9 April 2023 7:24 AM GMT