प्रदूषित चंद्रपुर का एयर क्वालिटी डिस्पले हुआ बीमार

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एमपीसीबी की अनदेखी प्रदूषित चंद्रपुर का एयर क्वालिटी डिस्पले हुआ बीमार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  भीषण प्रदूषण के लिए पहचाने जानेवाले औद्योगिक चंद्रपुर के एमआईडीसी परिसर में हवा गुणवत्ता का रियल टाइम बताने लगाया गया कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी डिस्पले इन दिनों बंद दिख रहा है। इस कारण परिसर की हवा की गुणवत्ता की जानकारी पर्यावरण से जुड़े लोगों को नहीं मिल रही है। महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा लगाए इस फलक की ओर खुद एमपीसीबी की भी अनदेखी हो रही है, जिससे हवा के गुणवत्ता की जानकारी कैसे मिलेगी? ऐसा सवाल नागरिकों द्वारा उठाया जा रहा है। 

गौरतलब है कि, महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक प्रदूषित चंद्रपुर जिला है। इस जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर के नाम से प्रसिद्ध घुग्घुस में प्रदूषण का स्तर में दिनों-दिन वृद्धि हो रही है। लेकिन इस बढ़ते प्रदूषण पर किसी को कोई सरोकार नहीं होने का प्रतीत हो रहा है। इसका खामियाजा जिलावासियों को भुगताना पड़ रहा है।  इसी प्रदूषण की पोल खोलने वाली वायु गुणवत्ता मापन मशीन बंद है, जिससे शहर का प्रदूषण स्तर कैसे दर्ज होगा, ऐसा सवाल पर्यावरण प्रेमी पूछ रहे हैं। प्रदूषण की मार झेलने वाले नागरिकों को कर्करोग, दामा हार्टअटैक, चर्मरोग ,आंखों की समस्या, कम उम्र में ही गंभीर  बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। 

प्रदूषण को लेकर संबंधित विभाग कुंभकर्ण नींद में सोया हुआ है। यहां के खतरनाक प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों के प्रति किसी जनप्रतिनिधि, प्रशासन को कोई संवेदनाएं नहीं हैं। इसी कारण अब तक यहां के प्रदूषण पर प्रतिबंध,कार्रवाई तथा इसे कम करने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। केवल प्रदूषण रोकथाम के लिए कागजों पर घोड़े दौड़ाए जा रहे हंै। हर रोज प्रदूषण का प्रमाण तय करने वायु गुणवत्ता दर्ज की जाती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल द्वारा हर रोज 24 घंटे के हवा गुणवत्ता निरीक्षण के आंकड़ों से पता चला कि पिछले वर्ष चंद्रपुर केवल 29 दिन ही प्रदूषण मुक्त रहा बाकी अन्य दिन कम ज्यादा प्रमाण में प्रदूषण जारी था। इसमें कम प्रदूषण के 164 दिन, ज्यादा प्रदूषण के 150 तथा अन्य दिन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक थे। नागरिकों में अब बढ़ते प्रदूषण के हो रहे खतरनाक परिणाम की चिंता सताने लगी है। प्रदूषण पर नियंत्रण करने की मांग हो रही है। इसी के साथ जिले का सर्वाधिक प्रदूषित शहर घुग्घुस में वायु गुणवत्ता दर्ज मापन मशीन लगाने की मांग की जा रही है। बताया जाता है कि, वर्तमान स्थिती में चंद्रपुर में एयर क्वालिटी िडस्पले दो है। एक बोर्ड एमपीसीबी कार्यालय के पास तो दूसरा एमआईडीसी परिसर में लगा है। 
 
लैन केबल का प्रॉब्लम
लैन केबल का प्रॉब्लम होने के कारण ऐसा हुआ है। सुधार करने का कार्य चल रहा है। जल्द सुचारू होगा। भले ही हमने डिस्पले बोर्ड लगाया है, लेकिन डायरेक्ट सीपीसीबी को कनेक्ट है। एक्यूआई डायरेक्ट सीपीसीबी की वेबसाइट पर डिस्पले होता है।  - अतुल सातफले, एसआरओ एमपीसीबी चंद्रपुर 

यह मिलती है जानकारी
जानकारी के अनुसार एयर क्वालिटी िडस्पले से नागरिकों को एक्युआई की जानकारी मिलती है। परिसर में हवा कितनी खराब है और कितनी अच्छी है यह जान सकते हंै। इसकी रियल टाइम अपडेट की जानकारी संबंधित वेबसाइट से जुड़ी होती है। यह डिस्पले कुछ मिनटों के अंतराल में सामान्य वातावरण और कुछ गैसों का रियल टाइम डाटा डिस्प्ले करता है। आठ पैरामीटर की स्थिति बताता है। इसमें सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, लेड, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया, हाइड्रोकार्बन यौगिक, रासायनिक ऑक्साइड, बेंजीन, आर्सेेनिक, निकिल आदि शामिल होता है।
 

Created On :   1 Feb 2023 2:37 PM IST

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