अधिकारियों के अतिरिक्त प्रभार से प्रशासनिक व्यवस्थायें हुईं कमजोर 

Administrative arrangements weakened due to additional charge of officers
अधिकारियों के अतिरिक्त प्रभार से प्रशासनिक व्यवस्थायें हुईं कमजोर 
पवई अधिकारियों के अतिरिक्त प्रभार से प्रशासनिक व्यवस्थायें हुईं कमजोर 

डिजिटल डेस्क, पवई नि.प्र.। पवई विकासखण्ड की प्रशासनिक व्यवस्थायें चरमराई हुईं हैं इसकी प्रमुख वजह यह है कि प्रमुख प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी संभालने वाले दो अधिकारी तैनात हैं उन्हें अन्यत्र स्थानों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है वहीं जो पद खाली है उन्हें दूसरे स्थानों पर पदस्थ अधिकारियों को अतिरिक्त रूप से यहां प्रभार सौपा गया है। जिसके चलते पदस्थ अधिकारी नियमित रूप से अपने कार्याें का संपादन नही कर पाते और व्यवस्थायें प्रभावित हो रही है। आमजनों के इसके चलते परेशानी का सामनी का सामना करना पड रहा है और कार्याे की निगरानी समुचित रूप से नहीं हो पा रही है। अधिकारियों के पदस्थापना को लेकर जनपद पंचायत पवई की स्थिति यह है कि पिछले दस माह से जनपद पंचायत पवई में मुख्य कार्यापालन अधिकारी का पद रिक्त है और अतिरिक्त प्रभार के रूप शाहनगर के जनपद सीईओ प्रदीप सिंह कामकाज देख रहे है जो अपनी दोहरी जिम्मेदारियों के चलते पवई जनपद पंचायत को समुचित रूप से अपना समय नहीं दे पाते और इसके चलते जनपद सहित ग्राम पंचायतों के कामकाज विकास कार्य प्रभावित है तथा जो कार्य हो रहे है उनकी गुणवत्ता की निगरानी भी नहीं हो पा रही है। पवई में पदस्थ तहसीलदार श्रीमती राजपूत का स्थानतंरण निवाडी हो चुका है और नये तहसीलदार की पदस्थापना नही हुई है। अनुविभाग से संबंधित राजस्व एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं एवं कानून व्यवस्था की दृष्टि से अनुविभागीय अधिकारी/एसडीएम का पद सबसे बडा पद माना जाता है जिसको लेकर स्थिति यह है कि पवई अनुविभागीय  अधिकारी श्रीमती भारतीदेवी मिश्रा को शाहनगर अनुविभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है इसी तरह नगर परिषद पवई को लेकर स्थिति यह है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ अरूण कुमार श्रीवास्तव अमानगंज नगर परिषद के सीएमओ का अतिरिक्त प्रभार भी देख रहे है। पवई विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत सभी प्रमुख पदों को लेेकर इस तरह की अव्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान है आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर उदासीन बने है वहीं उसको लेकर हो रही राजनीति को लेकर भी लंबे समय से चर्चायें जारी है।  

Created On :   3 April 2023 3:52 PM IST

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