मध्य प्रदेश: सौर ऊर्जा भविष्य में होगा अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिन्दु- मुख्यमंत्री मोहन यादव

सौर ऊर्जा भविष्य में होगा अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिन्दु- मुख्यमंत्री मोहन यादव
  • मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सौर्य ऊर्जा पर किया फोकस
  • नीमच सोलर प्रोजेक्ट की यूनिट 3 के लिए हुई निविदा
  • 'ई-रिवर्स ऑक्शन में दर आई 2 रूपये 15 पैसे प्रति यूनिट'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सौर और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के संकल्प की दिशा में मध्यप्रदेश भी निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश लक्ष्य की प्राप्ति के लिये संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में विकास और उद्योगों में ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए प्रतीत होता है कि सौर ऊर्जा भविष्य में अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिन्दु होगा। प्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरंतर बेहतर कार्य किया है। विगत 12 वर्षों में 14 गुना से अधिक की वृद्धि की है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को नीमच सोलर प्रोजेक्ट की 170 मेगावाट क्षमता की यूनिट 3 के लिये सम्पन्न हुई निविदा में न्यूनतम रेट आएं हैं। उन्होंने बताया कि ई-रिवर्स ऑक्शन के बाद 2 रूपये 15 पैसे प्रति यूनिट, अब तक की न्यूनतम टैरिफ दर प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नीमच सौर प्रोजेक्ट से राज्य को ग्रीन बिजली के साथ-साथ निर्माण एवं संचालन अवधि के दौरान प्रदेश में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार पाने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के विकास से प्रदेश में लगभग 800 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा और एवं समतुल्य तापीय विद्युत् की तुलना में प्रति वर्ष 3.34 लाख टन CO₂ का उत्सर्जन कम होगा। मध्यप्रदेश सरकार ऊर्जा के स्वच्छ एवं हरित विकल्पों को बढ़ावा देने एवं उपयोग करने के लिये निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विगत 12 वर्षों में 14 गुना की वृद्धि कर वर्तमान में राज्य की कुल नवकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर लगभग 7000 मेगावाट हो गई है, जो राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता लगभग 21 प्रतिशत है।



मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में भी अग्रणी है। रीवा सौर परियोजना और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्टर इसके उत्कृष्ट उदाहरण है। रीवा सौर परियोजना से देश में पहली बार कोयले से बनने वाली बिजली से कम दर पर सौर ऊर्जा मिली है। यहां से राज्य के अतिरिक्त दिल्ली मेट्रो को भी बिजली दी जा रही है। साथ ही प्रदेश के आगर-शाजापुर-नीमच सौर परियोजना से उत्पादित बिजली भारतीय रेलवे को भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-2024 में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना में 278 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को कमीशन किया गया है।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री शुक्ला ने बताया है कि शुक्रवार 6 दिसम्बर को नीमच परियोजना की 170 मेगावॉट क्षमता की यूनिट 3 के लिए हुई निविदा (ऑक्शन) प्रक्रिया में 10 विकासकों ने भाग लिया। ई-रिवर्स ऑक्शन के पश्चात 2 रूपये 15 पैसा प्रति यूनिट का न्यूनतम टैरिफ प्राप्त कर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की है। मंत्री शुक्ला ने बताया कि इस वितीय वर्ष में देश के प्रतिष्ठित विभिन्न संस्थानों, द्वारा जारी निविदाओं में न्यूनतम टैरिफ 2 रूपये 48 पैसे प्रति यूनिट SECI की निविदा प्राप्त हुई है। प्रदेश में हुई इस बिड ने एक बार पुनः रिवर्स ऑक्शन के बाद न्यूनतम टैरिफ प्राप्त किया जो SECI के द्वारा प्राप्त टैरिफ से लगभग 33 पैसे कम है। निविदा में प्राप्त दर केंद्र सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2024 से ALMM की बाध्यता लागू करने के बाद संपन्न हुई निविदाओं में सबसे कम है। नीमच परियोजना हेतु प्राप्त परिणाम केंद्र अथवा राज्य के संस्थानों की तुलना में लगभग 7.25 प्रतिशत कम हैं।

नवकरणीय ऊर्जा मंत्री शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर आम उपभोक्ताओं के किसानों को भी सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिये तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसका लाभ भी मिलने लगेगा।

Created On :   6 Dec 2024 10:21 PM IST

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