शरबत जिहाद मामला: 'पांच दिन में हटाएं वीडियो...', दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की लगाई जमकर क्लास, हलफनामा दायर करने की दी डेडलाइन

पांच दिन में हटाएं वीडियो..., दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की लगाई जमकर क्लास, हलफनामा दायर करने की दी डेडलाइन
  • दिल्ली कोर्ट में शरबत जिहाद मामला पर सुनवाई
  • कोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई जमकर फटकार
  • 5 दिनों में हलफनामा दायर करने के दिए निर्देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को योगगुरु स्वामी रामदेव के रूह अफजा को 'शरबत जिहाद' बताने वाले मामले पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने बाबा रामदेव को जमकर खरी खोटी सुनाई। कोर्ट नेनाराजगी जताते हुए कहा कि बाबा रामदेव द्वारा दिए गया बयान अक्षम्य है। इस बयान का समर्थन करना अनुचित और इसे किसी भी तरह से सही नहीं बताया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने 12 बजे फिर से सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट में बाबा रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि मैंने सलाह दी है और हम वीडियो निकाल रहे हैं।

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कोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार

बाबा रामदेव के वकील के जवाब पर कोर्ट ने कहा, जब मैंने वीडियो देखा तो मुझे अपने कान और आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। बाबा रामदेव के वकील का कहना था कि हमने पहले ही वीडियो निकालने के लिए कह दिया है। इस पर कोर्ट ने कहा, हलफनामा दाखिल करें।

बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट में बाबा रामदेव के बयान के खिलाफ हमदर्द ने याचिका दायर की है। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई की है। कोर्ट ने बाबा रामदेव के बयान पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। हमदर्द के वकील ने एक और बयान का हवाला दिया। रामदेव के वकील ने कहा, कृपया निष्पक्षता का फायदा ना उठाएं. हमदर्द के वकील ने कहा, इसे (बयान) हटाया जाना चाहिए। जब से हमने मुकदमा दायर किया है, तब से कुछ और आ गया है।

रामदेव के वकील ने कहा, वे इसे हमें दे सकते हैं। यह किसी और प्लेटफॉर्म की कहानी है। जो कुछ भी मेरे नियंत्रण में है, उसे हटा दिया जाएगा. प्रिंट या वीडियो में सभी विवादित विज्ञापन हटा दिए जाएंगे या उचित रूप से बदल दिए जाएंगे। कोर्ट ने कहा, इसे हलफनामे पर आना चाहिए। एक हलफनामा दर्ज किया जाए जिसमें कहा जाए कि वो भविष्य में इस तरह का कोई बयान या विज्ञापन, सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे।

सुनवाई के दौरान, वकीलों में इस बात पर बहस हुई कि हलफनामे में क्या कहा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, एक हलफनामा दायर करें जिसमें यह सब शामिल हो, हम देखेंगे। हम नहीं चाहते कि ऐसे मामले सामने आएं। कोर्ट ने कहा कि हलफनामा 5 दिनों में दायर किया जाए। 1 मई को केस सूचीबद्ध किया गया है।

हाईकोर्ट ने बयान पर जताई नाराजगी

इससे पहले हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव द्वारा दिए गए 'शरबत जिहाद' संबंधी बयान पर सख्त नाराजगी जताई और इसे अक्षम्य और अदालत की चेतना को झकझोरने वाला करार दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा, यह बयान अक्षम्य है और अदालत की चेतना को झकझोर देने वाला है। यह टिप्पणी उस याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई, जिसे हमदर्द लैबोरेटरीज ने रामदेव के एक बयान के खिलाफ दायर किया है। यह बयान हमदर्द के प्रसिद्ध उत्पाद 'रूह अफ़ज़ा' को लेकर दिया गया था।

हाई कोर्ट ने कहा कि इस बयान को किसी भी तरह से ठीक नहीं ठहराया जा सकता है। हमदर्द की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए। रोहतगी ने दलील दी कि बाबा रामदेव का बयान हेट स्पीच के दायरे में आता है। यह बयान धार्मिक आधार पर समाज को बांटने वाला है।

हमदर्द ने हाई कोर्ट में क्या कहा

हमदर्द की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि यह मामला सिर्फ ‘रूह अफ़ज़ा’ की छवि को धूमिल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे जाकर यह एक साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला मामला भी बनता है।

वकील ने दलील दी कि बाबा रामदेव का यह बयान सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने रामदेव के वकील को दोपहर 12 बजे पेश होने के लिए कहा था। दोपहर 12 बजे कोर्ट ने फिर इस मसले पर सुनवाई की।

Created On :   22 April 2025 2:06 PM IST

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