सतना: पैरोल से फरार बंदी को गुजरात से पकड़ लाई स्पेशल टीम, तीन माह से दे रहा था चकमा

पैरोल से फरार बंदी को गुजरात से पकड़ लाई स्पेशल टीम, तीन माह से दे रहा था चकमा
  • पैरोल पर आने के बाद सजायाफ्ता बंदी गिरफ्तार
  • स्पेशल टीम ने आरोपी को पकड़ा
  • भारूंच के गांव को बनाया था ठिकाना

डिजिटल डेस्क, सतना। केन्द्रीय जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गए सजायाफ्ता बंदी को 3 माह बाद पकड़ लिया गया है। जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि वर्तमान समय पर लगभग 500 कैदी शासन के नियमानुसार पैरोल अवकाश का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, इनमें से कुछ बंदी कभी-कभी शर्तों का उल्लंघन कर फरार हो जाते हैं। ऐसा ही एक बंदी सुरेश पुत्र मंगल नाई 55 वर्ष, निवासी गहलोदपुरवा, थाना अजयगढ़, जिला पन्ना, को आईपीसी की धारा 302, 394 और 34 के अपराध में आजीवन कारावास की सजा होने पर 1 सितंबर 1994 को केन्द्रीय जेल में दाखिल कराया गया था, जिसमें एक वर्ष का सश्रम कारावास भी था।

उक्त बंदी को जेल मुख्यालय के आदेश पर 16 दिन के लिए जमानतदार की उपस्थिति में छोड़ा गया था। उसे 15 मार्च को जेल में हाजिर होना था, लेकिन सुरेश नाई इरादतन रूप से फरार हो गया। इस बात की पुष्टि होने पर कोलगवां थाने में अपराध पंजीबद्ध कराने के साथ सहायक जेल अधीक्षक अभिमन्यु पांडेय के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई, जिसमें प्रहरी संतोष विश्वकर्मा को भी शामिल किया गया।

भरूच के गांव में बनाया था ठिकाना

स्पेशल टीम ने फरार बंदी की तलाश के लिए सभी संभव प्रयास करते हुए साइबर सेल का भी सहयोग लिया और मुखबिरों को भी सक्रिय किया, लेकिन तीन महीने तक कोई खबर नहीं मिली, इसके बावजूद कोशिश जारी रखी गईं। अंतत: 5 दिन पहले एक सूचना मिली कि फरार बंदी सुरेश ने गुजरात के भरूच जिला अंतर्गत विराम गधेड़ा में पनाह ले रखी है, लिहाजा जेल पुलिस की एक टीम गुजरात के लिए रवाना की गई, जिन्होंने स्थानीय झगडिय़ा थाने की फोर्स का सहयोग लेकर बंदी को पकड़ लिया और 19 जून की रात सतना लाकर जेल में बंद कर दिया। इस कार्रवाई को अंजाम देने पर जेल प्रबंधन ने सहायक जेल अधीक्षक अभिमन्यु पांडेय और प्रहरी संतोष विश्वकर्मा का सम्मान किया है।

Created On :   24 Jun 2024 10:57 AM GMT

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