आईटी का शिकंजा: रेलवे स्टेशन पर 60 लाख के साथ पकड़े गए 2 आरोपी, सतना से मुंबई का लिंक जोड़ने में जुटी टीम
- कूरियर की आड़ में चल रहा था खेल
- लाखों की रकम एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे थे
- इनकम टैक्स की टीम ने जांच का जिम्मा संभाला
डिजिटल डेस्क, सतना। कूरियर की आड़ में लाखों-करोड़ों की रकम एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का खेल फिर सामने आया है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का प्रभावी पालन कराने में जुटे रेल सुरक्षा बल के जवानों की पैनी नजर से यह गोलमाल नहीं बच सका। इस मामले में अब इनकम टैक्स की टीम ने जांच का जिम्मा संभाल लिया है, जो गोरखधंधे में शामिल हर एक व्यक्ति को बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
बुधवार की रात को पेट्रोलिंग पर तैनात आरपीएफ जवानों ने तकरीबन साढ़े 9 बजे सुविधा एक्सप्रेस के आगमन से पहले संदिग्ध व्यक्तियों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी। इसी दौरान प्लेटफार्म-1 के गेट क्रमांक-2 पर मौजूद दो लोगों से बैग का सामान दिखाने के लिए कहा गया तो वे आनाकानी करते हुए बहस पर उतारू हो गए। उनके पास ट्रेन के एसी-3 कोच का रिजर्वेशन था। तब दोनों को पकडक़र थाने लाया गया, जहां बैग खोलकर चेक करने पर प्लास्टिक के 6 बंडल में 100 और 500 की गड्डियां मिलीं। बड़ी रकम होने पर मशीन बुलाकर गिनती की गई, जिसमें कुल 60 लाख नकदी होने की पुष्टि हुई। पूछताछ में नकदी के साथ मिले लोगों ने अपना नाम सतीश पुरी पुत्र देवपुरी गोस्वामी 52 वर्ष, निवासी व्यावर, जिला अजमेर (राजस्थान) और दीपक भील पुत्र प्रेमनारायण 25 वर्ष, निवासी भीलपुरा, जिला आगर-मालवा, बताते हुए नोटों के संबंध में यह कहते हुए जानकारी से इनकार कर दिया कि उनका काम एक जगह से दूसरी जगह कूरियर ले जाना है, लेकिन कोई कागज प्रस्तुत नहीं किए। आरोपियों ने स्टेशन आने के लिए स्कूटी का इस्तेमाल किया था, जिसको भी कब्जे में लेते हुए अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
आरोपी जांच में नहीं कर रहे सहयोग
इतनी बड़ी रकम बरामद होने पर आरपीएफ टीआई बब्बन लाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इनकम टैक्स विभाग को भी अवगत करा दिया, लिहाजा गुरुवार की सुबह आईटीओ महेन्द्र गुप्ता अपने सहयोगी इंस्पेक्टर राजेश रोशन के साथ थाने पहुंचकर जांच में शामिल हो गए। दोनों अधिकारियों ने आरोपी सतीश पुरी और दीपक भील से कई घंटों तक पूछताछ की, लेकिन दोनों लोग नकदी के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर करते रहे। उन्होंने कूरियर कंपनी का नाम भी नहीं उगला और न ही मुंबई में नकदी प्राप्त करने वाले की जानकारी दी। ऐसे में आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिनकी पड़ताल साइबर टीम से कराई जाएगी। सतना के अधिकारियों ने जबलपुर कार्यालय को भी इस संबंध में सूचित कर दिया है। आरोपियों को देर शाम आईटी दफ्तर लाया गया है। अभी तक की जांच में यह रकम हवाला कारोबार से जुड़ी होने की बात सामने आ रही है।
Created On :   5 April 2024 1:47 PM IST