वरुण गांधी हारेंगे अपना संसदीय क्षेत्र? बीजेपी ने पीलीभीत से तय किया इस ओबीसी नेता का नाम!
- वरुण के हाथ से जाएगी पीलीभीत की सीट
- मां मेनका की संसदीय पर भी खींची 'तलवार'!
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी में नए पुराने चेहरों को लेकर विचार विमर्श का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी हाईकमान इस बार कई सांसदों का पत्ता काट सकती हैं जिसका असर सबसे पहले यूपी में देखने को मिल सकता है। यहां से लोकसभा की 80 सीटें आती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को बीजेपी साल 2024 के आम चुनाव में खड़ा नहीं करने वाली है। पार्टी इस सीट पर किसी ओबीसी नेता को टिकट दे सकती है जिसका क्षेत्र में जबरदस्त दबदबा हो।
वरुण गांधी और बीजेपी में पिछले कई सालों से रार छिड़ा हुआ है। किसान आंदोलन से लेकर कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होते नजर आए हैं। इसी बीच ये खबर आना की बीजेपी वरुण की संसदीय क्षेत्र पीलीभीती से किसी और को टिकट दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी और वरुण गांधी में और घमासान मच सकता है। सूत्रों की मानें तो, पीलीभीत से बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ओबीसी प्रत्याशी का चुनाव कर लिया है जो दो बार चुनाव में जीत हासिल कर चुका है। बताया जा रहा है कि, पार्टी ओबीसी उम्मीदवार उतार कर इस क्षेत्र के ओबीसी समाज को साधना चाहती है।
वरुण की जाएगी संसदीय क्षेत्र?
बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार असहमती जता चुके हैं। जिस पर पार्टी ने कभी कुछ खुलकर नहीं कहा है। लेकिन बीजेपी की अहम बैठकों और चुनाव प्रचारों से उनको धीरे-धीरे दूर कर दिया गया है। जिसकी वजह से गांधी, पार्टी के किसी कार्यक्रम में दिखाई नहीं देते हैं। यूपी से सांसद चुने गए वरुण गांधी को प्रदेश में भी कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है। जिससे साफ हो जाता है कि पार्टी हाईकमान उन्हें तवज्जो नहीं देना चाहता है। वरुण गांधी के अलावा उनकी मां मेनका गांधी को भी पार्टी साइड लाइन कर चुकी है। साल 2014 में मेनका पीएम मोदी की कैबिनेट में मंत्री थीं। जिन्हें महिला एवं बाल विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साल 2019 के आम चुनाव में पार्टी ने उन्हें यूपी के सुलतानपुर से खड़ा किया था। इसमें उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी। मेनका गांधी पहली ऐसी महिला थीं जिन्होंने सुलतानपुर का किला फतह किया था। फिर भी मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली, जो मौजूदा समय में महज सांसद हैं।
संजय सिंह को मिलेगा मौका?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मां-बेटे का सियासी भविष्य खतरे में है। अगर दोनों को साल 2024 में भाजपा की ओर से टिकट नहीं मिलता है तो उनका राजनीतिक सफर खत्म हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीलीभीत से वरुण गांधी की जगह संजय सिंह गंगवार को लोकसभा चुनाव में बीजेपी उतर सकती है क्योंकि पीलीभीत शहर से वो दो बार से लगातार विधायक हैं। जिनकी शहर में मजबूत पकड़ है। साथ ही इनके सीएम योगी आदित्यानथ से बेहद ही मधुर संबंध हैं।
Created On :   4 July 2023 12:25 PM IST