एमपी चुनाव 2023: मध्य प्रदेश में महिलाओं के बढ़े वोटिंग परसेंटेज पर क्या राजनीतिक जानकारों की राय, बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दांवे

मध्य प्रदेश में महिलाओं के बढ़े वोटिंग परसेंटेज पर क्या राजनीतिक जानकारों की राय, बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दांवे
  • मध्य प्रदेश में 3 दिसंबर को आएंगे चुनाव नतीजे
  • बढ़ते महिला वोट परसेंट की वजह पर सियासत तेज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में महिलाओं के बढ़े वोटिंग परसेंटेज को लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने दांवे कर रही है। वहीं, राजनीतिक जानकार भी इसे लेकर असमंजस की स्थिति में है। राज्य में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग में कुल मतदान प्रतिशत 77.12 रहा। वहीं, 2018 के चुनाव के दौरान कुल 75.3 प्रतिशत लोगों ने वोट किया था। खास बात यह है कि इस बार महिलाओं ने वोटिंग में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। जिसके चलते महिला वोटरों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में इस बार महिलाओं के बढ़े वोट प्रतिशत से बीजेपी और कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है। हालांकि, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों क्या सोचते हैं? साथ ही, पार्टी नेताओं का बढ़े वोटिंग परसेंटेज पर क्या मत है? आइए जानते हैं।

बीजेपी की राय

पिछले चुनाव के दौरान प्रदेश में करीब 1 करोड़ 78 लाख महिलाओं ने मतदान में हिस्सा लिया था। वहीं, इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 1 करोड़ 92 लाख तक पहुंच गया है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता पकंज चतुर्वेदी कहते हैं कि ये वोट लाड़ली बहना योजना के पक्ष में पड़े हैं।

इधर, बीजेपी संठगन का मानना है कि लाड़ली बहना योजना गेम चेंजर साबित होगी। साथ ही, उनका कहना है कि हर विधानसभा सीट पर दो से तीन हजार महिलाओं ने बढ़ चढ़कर वोट किया है। प्रदेश में जहां मुकाबला कांटे का है। वहां पर दो-तीन हजार वोट काफी मायने रखते हैं। ऐसे में कांटे की टक्कर वाली सीट पर फैसला बीजेपी के पक्ष में रहेगा। साथ ही, इसके चलते हम सरकार बनाने के करीब होंगे।

कांग्रेस की राय

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा कि राज्य में 34 ऐसी सीटें हैं जहां पर पुरुषों से अधिक महिलाओं ने वोट किया है। यह बात सही है कि महिला वोटरों की संख्या 31 लाख बढ़ी है, लेकिन इनमें से केवल 15 लाख महिलाओं ने वोट डाले हैं। इसका मतलब यह है कि मतदान प्रतिशत का अनुपात अभी भी काफी कम है।

बता दें कि, चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रदेश की 1 करोड़ 32 लाख महिलाओं के बैंक खाते में सीधे 1000 रुपये आने लगे। इस स्कीम के तहत बाद में यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई थी। बीजेपी सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले लाडली बहना स्कीम की जमकर ब्रांडिंग की थी। शिवराज सरकार ने रैली और जनसभाओं के दौरान कई बार इस बात का जिक्र करते नजर आए कि महिला वोटर राज्य में पांचवी बार उनकी सरकार बनाएगी, लेकिन जानकारों का मत इस पर बंटे हुए हैं।

राजनीतिक जानकारों की राय

राजनीतिक जानकार रशीद किदवई ने एक निजी मीडिया संस्थान को बताया कि किसी भी एक योजना सरकार बनाने और बिगाड़ने का काम नहीं करती है। सही तरीके से देखे तो महिला वोटर ओवरऑल कम ही हुए हैं। इसके अलावा राजनीतिक विश्लेषक एस शाइनी का मानना है कि महिला वोटर इस योजना से निश्चित रूप से सरकार की ओर आई है और उनका वोटिंग परसेंटेज बढ़ना इस योजना का असर है। हालांकि, अभी दोनों ही पार्टियों की ओर से अपने-अपने दांवे किए जा रहे हैं। लेकिन. सच्चाई तीन दिसंबर को चुनावी नतीजे से सामने आएंगे।

Created On :   22 Nov 2023 11:34 AM GMT

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