कर्नाटक की जीत की खुशी कहीं राजस्थान में कांग्रेस को भारी न पड़ जाए, एक बार फिर अपनी ही सरकार पर बरसे सचिन पायलट

कर्नाटक की जीत की खुशी कहीं राजस्थान में कांग्रेस को भारी न पड़ जाए, एक बार फिर अपनी ही सरकार पर बरसे सचिन पायलट
पायलट-गहलोत विवाद

डिजिटल डेस्क, जयपुर। कर्नाटक का किला फतह करने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी गदगद नजर आ रही है। लेकिन ये खुशी कहीं खटाई में न पड़ जाए क्यों कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पार्टी के दिग्गज नेता सचिन पायलट में रार बढ़ती जा रही है। इस साल के अंत में ही राजस्थान विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इस बीच दोनों नेताओं में खींचतान पार्टी के लिए शुभ समाचार नहीं है। कहीं कांग्रेस कर्नाटक चुनाव के जीत की खुशी में राजस्थान की ओर ध्यान देना तो भूल नहीं गई है।

सचिन पायलट प्रदेश में 11 से 15 मई तक जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। आज उनकी यात्रा का आखिरी दिन है। पायलट के साथ प्रदेश का कोई बड़ा नेता शामिल नहीं है फिर भी वो इस यात्रा को लेकर अकेले निकल पड़े हैं। सचिन पायलट का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है जिस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं अब इस यात्रा को लेकर उन्हें कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का साथ मिलता हुई दिखाई दे रहा है। आचार्य ने सचिन पायलट की एक वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा "व्हाट ए जोश।"

125 किलोमीटर की यात्रा रही

दरअसल, सचिन पायलट का आज जन संघर्ष यात्रा का आखिरी दिन है। उन्होंने इस यात्रा की शुरूआत 11 मई से राजस्थान के अजमेर शहर से की थी। जो अभी फिलहाल जयपुर के पास महापुरा में मौजूद है। ऐसा अंदेशा है कि पायलट की ये यात्रा शाम तक राजधानी जयपुर पहुंच जाएगी। इस पांच दिन यात्रा के दौरान सचिन पायलट ने 125 किलोमीटर दूरी तय की है और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए हैं।

पायलट ने फिर घेरा

अपनी जन संघर्ष यात्रा लिए महापुरा पहुंचे सचिन पायलट ने कहा, "मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा कर रहा हूं इसमें कोई विरोधाभास नहीं है। मैंने कभी किसी की बुराई नहीं की, किसी पर आरोप नहीं लगाया, मेरी किसी से कभी अनबन नहीं हुई, मैं वही बात कह रहा हूं जो कांग्रेस के नेताओं सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कही थी और वह है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करेगी।"

कहां जाएंगे पायलट?

सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच साल 2020 से ही खुल कर बयानबाजी होती आ रही है जब पायलट अपने ही समर्थकों के साथ गहलोत से बगावत कर दिए थे। दरअसल, सचिन पायलट के समर्थकों का कहना है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पायलट के नेतृत्व में सरकार बनाने में कामयाब रही थी। लेकिन प्रदेश की कमान सीएम गहलोत को दे दी गई जो हमारे नेता के साथ काफी नाइंसाफी हुई थी। पायलट समर्थकों का यह भी कहना है कि सचिन भले ही इतने मुखर होकर गहलोत सरकार की आलोचना कर रहे हैं लेकिन वो कांग्रेस छोड़ कहीं नहीं जाने वाले हैं।

Created On :   15 May 2023 6:33 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story