शीतकालीन सत्र: 'इनके राज में सिखों के गले काटे गए...', राहुल गांधी के अंगूठा काटने वाले बयान पर अनुराग ठाकुर का पलटवार
- 'इनके राज में सिखों के गले काटे गए...'- अनुराग ठाकुर
- राहुल के अंगूठा काटने वाले बयान पर अनुराग ठाकुर का पलटवार
- एकलव्य के जरिए राहुल गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी और एकलव्य का अंगूठा काटने का जिक्र किया। इसके बाद बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि आप हम पर अंगूठा काटने का आरोप लगाते हैं, कांग्रेस ने सिखों का गला काटा। बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा, "पिछली बार भी चर्चा हुई थी तो मैंने कहा था कि लोग संविधान हाथ में लेकर तो घूमते हैं लेकिन ये तक नहीं बता पाते हैं कि उसके पन्ने कितने हैं। संविधान की ही ताकत थी जिसने इंदिरा गांधी को इमरजेंसी को खत्म किया। इसी संविधान की प्रस्तावना पर लिखा है।"
बीजेपी नेता कहा, "इसी किताब में गोपाल शंकरनारायण ने नेहरू जी की विचारधारा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बीआर आंबेडकर, सरदार पटेल और के एम मुंशी के संविधान का श्रेय दिया है।" अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये (राहुल गांधी) संविधान बचाने की बात करते हैं, लेकिन इसे खोलकर पढ़ते नहीं। आप इसे पढ़ेंगे तो समझ आएगा कि गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी ने संविधान की धज्जियां उड़ाने की कितनी बार कोशिश की थी। ये लोग अंगूठा काटने की बात करते हैं, लेकिन इनके राज में सिखों के गले काटे गए, इन्होंने संविधान को तार-तार कर देश में आपातकाल लगाने का काम किया था।
बीजेपी सांसद का बड़ा आरोप
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, " आज मैं वह किताब लेकर आया हूं जिसे राहुल गांधी साथ में लेकर चलते हैं। इसमें राहुल गांधी के परिवार और उनकी पार्टी की सच्चाई है। प्रस्तावना सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने लिखी है, उन्होंने लिखा है कि संविधान देश के बुद्धिमान लोगों ने बनाया है। लेकिन शुक्र है कि इसमें नेहरुवियन सोच का प्रभाव नहीं था जिन्होंने एक के बाद एक सरकार को प्रभावित किया। उन्होंने आगे लिखा है कि अगर संविधान की ताकत न होती तो हिंदुस्तान के आम नागरिक को आपातकाल जैसे काले अध्याय से मुक्ति नहीं मिलती।"
एकलव्य के जरिए राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि लड़ाई इन दो किताबों के बीच की है- संविधान बनाम मनुस्मृति। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि एकलव्य जब द्रोणाचार्य के पास गए तो उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से धनुष चलाना सीख रहा हूं। आप मेरे गुरू बनिए। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से कहा कि आप ऊंची जाति से नहीं हैं, इसलिए मैं आपका गुरू नहीं बनूंगा। कुछ समय बाद द्रोणाचार्य और पांडव जंगल से गुजर रहे थे, जहां एक कुत्ता भौंक रहा था, लेकिन अचानक कुत्ते की आवाज शांत हो गई। द्रोणाचार्य और पांडव जब आगे बढ़े तो देखा कि कुत्ता बाणों के जाल से घिरा हुआ था। द्रोणाचार्य ने पूछा कि ये तुम्हें किसने सिखाया? एकलव्य ने जवाब में कहा कि मैंने आपको गुरू मानकर मूर्ति बनाई और धनुर्विद्या का अभ्यास किया। ऐसे में द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरुदक्षिणा में उसका अंगूठा मांग लिया और एकलव्य ने अपना अंगूठा काट कर दे दिया। जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही ये सरकार भी देश का अंगूठा काट रही है। जब ये सरकार देश की संपत्ति अडानी को सौंपती है, तब इस देश के छोटे-बड़े उद्योगों और कारोबारियों का अंगूठा कटता है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि जैसे एकलव्य ने तैयारी की थी, वैसे ही हिंदुस्तान के युवा सुबह उठकर अलग-अलग परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन जब आपने अग्निवीर लागू किया, तब आपने उन युवाओं की उंगली काटी। जब पेपरलीक होता है, तब आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काटते हैं। आज आपने दिल्ली के बाहर किसानों पर आंसू गैस चलाया है। किसान आपसे MSP की मांग करते हैं, लेकिन आप अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हैं और किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश में मोनोपोली, पेपरलीक और अग्निवीर होने चाहिए। संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए, उनका हुनर उनसे छीन लेना चाहिए।
Created On :   14 Dec 2024 6:23 PM IST