झारखंड सियासी हलचल: शुरू हुई रिजॉट पॉलिटिक्स! क्या हेमंत सोरेन की गिरफ्तार के बाद सरकार नहीं बना पाएंगे चंपई सोरेन?
- झारखंड में शुरू हुआ रिजॉट पॉलिटिक्स!
- हेमंत सोरेन ने बुधवार को दिया इस्तीफा
- झारखंड में सियासी हलचल जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड में सियासी हलचल जारी है। इस बीच रांची एयरपोर्ट से जेएमएम पार्टी अपने विधायकों और सहयोगी दल के विधायकों को हैदराबाद लेकर जा रही है। एयरपोर्ट पर दो चार्टेर्ड विमान भी तैयार खड़े हैं। इनमें से एक विमान में 33 सीटें हैं। तो वहीं, दूसरे विमान में कुल 12 सीटें हैं। बताया जा रहा है कि 12 सीटर वाले विमान में मंत्री बैठेंगे। साथ ही, एयरपोर्ट पर दो बसें भी पहुंच गई हैं। जिसमें सभी विधायक होटल के लिए रवाना होंगे।
झारखंड विधानसभा के 81 सीटे हैं। जिसमें सरकार गठन करने के लिए 41 विधायकों के समर्थन की जरुरत है। इधर, सत्ताधारी गठबंधन के 48 विधायक हैं लेकिन चंपई सोरेन की ओर से सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल को जो समर्थन पत्र सौंपा गया है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन का संख्याबल इस समय 32 है। हालांकि, आंकड़ों के हिसाब से माना जा रहा है कि राज्य में महागंठबधन सरकार आसानी से सरकार बना लेगी। लेकिन, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ विधायकों का हार्स ट्रेडिंग किया जा सकता है। इसी के चलते जेएमएम पार्टी के सीनीयर नेताओं ने फैसला किया कि वे अपने सभी विधायकों को हैदराबाद लेकर पहुंचेंगे।
झारखंड के राजनीतिक स्थिति के बीच JMM सासंद सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया, "कल तक सरकार बन जाएगी। 'ज़ुल्मी कब तक ज़ुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से अब ज़र्रा-ज़र्रा गूंज रहा है परिवर्तन के नारों से' हम जेल से नहीं डरते हैं।"
हमारे पास कुल 43 विधायक- कांग्रेस
इस बीच झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, "हमारे पास नंबर पूरे हैं, हम समझते हैं किजितनी संख्या होनी चाहिए उससे बहुत ज्यादा है। भरोसा बीजेपी,केंद्र सरकार और उनके गुलाम एजेंसियों का नहीं है कब क्या करेगी किसी को नहीं पता होता। देश के गैर भाजपा शासित राज्य में सारी ईडी की कार्रवाई होती है।" उन्होंने कहा, "हम हवाई अड्डे जा रहे हैं। आप जानते हैं कि वे किस तरह के लोग हैं, वे कभी भी कुछ भी कर सकते हैं। कुल 43 विधायक जा रहे हैं।"
रांची जमीन घोटाला मामले में बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान में जेएमएम के सीनियर नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे और 43 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस बीच जेएमएम विधायकों ने राज्यपाल से जल्द सरकार बनाने की मांग की है। हालांकि, अभी तक राज्यपाल की ओर से सरकार गठन करने का न्योता नहीं मिला है।
जेएमएम सांसद महुआ माजी का कहना है, ''हेमंत सोरेन ने जैसे ही अपना इस्तीफा सौंपा, हमने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। 43 विधायक बस में सवार होकर गए थे, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। लेकिन बिहार में नई सरकार अंदर ही अंदर बन गई'' 5 घंटे, 22 घंटे बाद भी जब सभी दलों के प्रतिनिधि गए तो सरकार बनाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। कोई समय या अतिरिक्त जानकारी नहीं दी गई। इससे उनकी मंशा पर सवाल उठता है।"
Created On :   1 Feb 2024 10:00 PM IST