नेहरू की पुण्यतिथि पर बोले राहुल, उनकी विरासत किसी प्रकाश स्तंभ की तरह ऊंची है
प्रथम प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पंडित नेहरू के योगदान के बिना 21वीं सदी के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। लोकतंत्र के निडर प्रहरी, उनके प्रगतिशील विचारों ने चुनौतियों के बावजूद भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास को गति प्रदान की। हिंद के जवाहर को मेरी श्रद्धांजलि। एक वीडियो साझा करते हुए राहुल गांधी ने अपने परदादा को श्रद्धांजलि दी और लिखा, पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत एक प्रकाश स्तंभ की तरह ऊंची है जो भारत की सोच और उन मूल्यों को प्रकाशित करती है जिनके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया - स्वतंत्रता, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और आधुनिकता। उनकी ²ष्टि और मूल्य हमेशा हमारी अंतरात्मा और कार्यो का मार्गदर्शन करते हैं।
प्रियंका गांधी ने भी अपने परदादा को श्रद्धांजलि दी और देश के पहले प्रधानमंत्री का एक ऑडियो-वीडियो मॉन्टाज साझा किया। वेणुगोपाल ने भी ट्विटर पर कहा, एक महान स्वतंत्रता सेनानी। एक दूरदर्शी प्रधानमंत्री। एक लोकतंत्रवादी जिसने हमारे गणतंत्र की नींव रखी। दुनिया भर में सम्मानित एक राजनेता। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने सभी उत्तराधिकारियों के अनुसरण के लिए एक मिसाल कायम की। उनकी पुण्यतिथि पर पंडित जी को याद करते हुए। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी नेहरू को श्रद्धांजलि दी।
पार्टी ने कहा, हम अपने पहले प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के शिल्पकार पं. जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हैं। एक दूरदर्शी व्यक्ति, जिन्होंने ढेर सारी आर्थिक नीतियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के माध्यम से देश को महान ऊंचाइयों पर पहुंचाया। कांग्रेस ने कहा, आईआईटी, आईआईएम, एम्स और डीआरडीओ जैसे आधुनिक भारत के मंदिरों और भारत के औद्योगिक चमत्कारों से लेकर भारत के परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान तक उनके समय में देश की शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। आज हम पंडित जी की विरासत की विरासत पर गर्व करते हैं जिन्होंने भारत को एक अग्रणी, वैश्विक शक्ति के रूप में विश्व मंच पर स्थापित किया।
नेहरू ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख भूमिका निभाई। वह 1947 में आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भी बने। भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए नेहरू ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के प्रमुख नेताओं में से एक थे। नेहरू ने 74 वर्ष की आयु में पद पर रहते हुए ही 27 मई 1964 को अंतिम सांस ली। वह 1947 से 1964 तक 16 से अधिक वर्षों तक पीएम रहे। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था। बच्चे भ्री उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। उनके जन्मदिन को हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(आईएएनएस)
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Created On :   27 May 2023 9:16 PM IST