लोकसभा चुनाव 2024: अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के बयान से सियासी हलचल तेज, बोले - 'मैं यहां गांधी परिवार की नौकरी नहीं कर रहा...
- किशोरी लाल शर्मा के ताजा बयान से सियासत हलचल तेज
- उम्मीदवार बनाए जाने पर कही बोले - यह आलाकमान का फैसला
- गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं केएल शर्मा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी से होगा। अभी तक रायबरेली में सांसद प्रतिनिधी की जिम्मेदारी संभाल रहे शर्मा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। हालांकि उनके हालिया बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है।
'मैं कांग्रेस से कोई तनख्वाह नहीं लेता'
अमेठी से प्रत्याशी बनाए जाने पर शर्मा ने कहा, 'ये निर्णय शीर्ष नेतृत्व का था। पहले तय नहीं था कि यहां से कौन लड़ेगा। अब मैं ये कह रहा हूं कि स्मृति ईरानी को मैं भी हराऊंगा, मैं ये बड़ी बात बोल रहा हूं। मैं यहां गांधी परिवार की नौकरी नहीं कर रहा हूं, मैं नेता हूं। मैं यूथ कांग्रेस के दौरान 1983 में यहां आया था। मैं कांग्रेस से कोई तनख्वाह नहीं लेता हूं। मैं शुद्ध रूप से नेता हूं। जब आया था इनसे बहुत बड़ी हैसियत रखता था। जिसको जैसे संस्कार मिलते हैं उसको वे वैसे ही प्रदर्शित करता है।'
टिकट मिलने पर क्या कहा था?
इससे पहले अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने पर किशोरी लाल शर्मा ने गांधी परिवार का आभार जताया था। उन्होंने कहा था, "मैं कांग्रेस पार्टी का आभारी हूं जिसने इतने छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी के काबिल समझा। मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का तहे दिल से आभारी रहूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने 40 साल इस क्षेत्र की सेवा की है और आज भी कर रहा हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि छोटे से कार्यकर्ता को बड़ी इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, मैं उनका बहुत आभारी हूं।" बता दें कि अमेठी में पांचवे चरण यानी 20 मई को वोटिंग होगी।
बता दें कि किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं। मूलत: पंजाब के रहने वाले शर्मा ने साल 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी आए थे। 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद भी वो यहां पार्टी के काम को संभालते रहे। जब सोनिया गांधी ने सक्रीय राजनीति में अपना पहला कदम रखा और वह अमेठी से चुनाव लड़ीं तो शर्मा उनके साथ अमेठी का काम संभालने लगे। वहीं जब सोनिया ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली जाने का फैसला किया तो शर्मा ने दोनों ही सीटों की जिम्मेदारी को संभाला।
इस तरह वक्त गुजरता गया और किशोरीलाल शर्मा रायबरेली और अमेठी दोनों ही सीटों के संसदीय कार्य देखते रहे। तब से लेकर अब तक कई लोग यहां तक कि गांधी परिवार के करीबी भी कांग्रेस का साथ छोड़ते रहे, लेकिन शर्मा ने गांधी परिवार की ओर से मिली सारी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वाहन किया। शायद यही वजह रही कि गांधी परिवार और पार्टी आलाकमान ने अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उनके नाम पर मुहर लगाई।
Created On :   5 May 2024 11:07 AM IST