केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर दिखी विपक्ष की एकजुटता, केजरीवाल से मिले नीतीश कुमार, कहा- भेदभाव हो रहा

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर दिखी विपक्ष की एकजुटता, केजरीवाल से मिले नीतीश कुमार, कहा- भेदभाव हो रहा
  • सीएम केजरीवाल के समर्थन में नीतीश कुमार
  • केंद्र के अध्यादेश पर मचा बवाल
  • डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने का जिम्मा उठाए हुए हैं। इसी को देखते हुए आज यानी 21 मई को सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मिलने पहुंचे। जहां पर उन्होंने आप संयोजक और दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे।

इस बैठक में केंद्र सरकार और आप सरकार में तनातनी को लेकर बातचीत हुई। बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार मीडिया से बातचीत में कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र की सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि, इस मामले पर सभी विपक्षी दलों को एकजुटता दिखानी होगी ताकि इस तरह की हरकत पर रोक लगाया जा सके।

दिल्ली की आप सरकार बनाम केंद्र की सरकार

दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसमें कहा था कि दिल्ली की सरकार एक चुनी हुई सरकार है इसे आम जनता ने वोट करके सत्ता में लाया है। इसलिए राजधानी पर इसका भी उतना ही अधिकार होना चाहिए, जितना की केंद्र सरकार का है। बता दें कि, केंद्र सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में पिछले कई दिनों से सियासी घमासान मचा हुआ है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जिसमें शीर्ष अदालत ने वो तमाम अधिकार दिए जिसकी मांग 'आप' ने की थी।

सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि, दिल्ली की चुनी हुई सरकार अफसरों का ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकती है। जिसका मतलब बिना केंद्र की अनुमति से केजरीवाल की सरकार अफसरों की नियुक्ति कर सकती थी। लेकिन केजरीवाल की ये खुशी ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई और केंद्र सरकार ने 'एनसीसीएसए अध्यादेश' लाकर ट्रांसफर पोस्टिंग की बाजी पलट दी और अब जितने भी अफसरों का ट्रांसफर पोस्टिंग करनी होगी उसके लिए दिल्ली की सरकार को उपराज्यपाल से अनुमति लेनी पड़ेगी।

नीतीश ने क्या कहा?

इसी मामले पर आज सीएम नीतीश कुमार केजरीवाल को अपना समर्थन देने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने कहा कि हम इस पूरे मामले पर केजरीवाल के साथ हैं। सारे विपक्ष एकजुट होकर केंद्र की सरकार से लड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, "ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियों को एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा। हम पूरे तौर से केजरीवाल जी के साथ हैं।"

23 मई को ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे केजरीवाल

वहीं नीतीश कुमार के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा राजधानी में 'एनसीसीएसए अध्यादेश' लाए जाने पर कहा कि, सरकार जो अध्यादेश लाई है उसके खिलाफ मैं देश की प्रमुख पार्टियों के पास जाऊंगा और उनसे अपने लिए समर्थन मागूंगा। केजरीवाल ने आगे कहा कि, 23 मई को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ मेरी बैठक है जिनके सामने ये तमाम मुद्दे रखने वाला हूं और उनसे समर्थन देनी की बात भी कहूंगा ताकि केंद्र की सरकार द्वारा राज्यसभा में लाए गए, इस बिल के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा वोट अपने पक्ष में कर सकूं।

उप राज्यपाल पर बरसे- तेजस्वी यादव

आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने मीडिया से कहा कि, दिल्ली में जिस तरह केजरीवाल को परेशान किया जा रहा है वो कहीं से भी उचित नहीं है। केंद्र सरकार को हर राज्य को एक समान की तरह देखना चाहिए। तेजस्वी ने दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को आड़े हाथों लेत हुए कहा कि, अगर राजधानी में बीजेपी की सरकार होती तो क्या उप राज्यपाल तब भी ये अध्यादेश लाते? हम केजरीवाल जी का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।

क्या है 'अध्यादेश'?

दरअसल, केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली देश की राजधानी है। जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन आता है। ऐसे में दिल्ली की 'आप की सरकार' के बजाय अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन ही रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अब अधिाकारियों की नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी यानी एनसीसीएसए के माध्यम से होगी।

सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री ही होंगे। लेकिन मुख्य सचिव व गृह सचिव भी इसके सदस्य होंगे। जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए उपराज्यपाल को सूचना देगी। जिसके बाद उपराज्यपाल फैसला लेंगे। वहीं अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में अगर कोई विवाद होता है तो अंतिम फैसला दिल्ली के एलजी का ही होगा।

Created On :   21 May 2023 1:57 PM IST

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