पंजाब कांग्रेस की जिम्मेदारी से क्यों हटना चाह रहें हरीश रावत, जाने बड़ी वजह
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- पंजाब में चल रहे सियासी घमासान के बीच रावत का बड़ा बयान
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्ति चाहते हैं। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रावत ने कहा कि अब राज्य विधानसभा की तरफ पूरी ध्यान लगाने के लिए वह पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के पद से हटने के लिए आलाकमान से निवेदन करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पंजाब कांग्रेस प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। तो उन्होने कहा कि "हां" यही कारण हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी का फैसला जो भी होगा उसका पालन करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि अगर पार्टी कहती है कि पंजाब कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी जारी रखिए। तो मैं इस जिम्मेदारी को आगे निभाता रहूंगा।
कहीं कैप्टन और सिद्धू की सियासी घमासान तो नहीं कारण!
पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना है। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्तों में आयी कड़वाहट के कारण पिछले कुछ महीनों में कई बार विवाद खड़ा हुआ है। जिसको लेकर हाईकमान से लेकर हरीश रावत को इस मामले को सुलह कराने में मशक्कत करनी पड़ रही है। उसके बावजूद भी पंजाब कांग्रेस पार्टी में संकट के बादल छायें हैं। सिद्धू और उनके समर्थक लगातार कैप्टन के खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं। और कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस में जारी दंगल के बीच बीते बुधवार को पार्टी के पांच बड़े नेता उत्तराखंड के देहरादून में पंजाब कांग्रेस पार्टी हरीश रावत से मुलाकात करने पहुंचे थे। हरीश रावत की ओर से साफ संकेत दिए गए थे कि नेताओं द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की जो मांग की जा रही है। वह पूरी नहीं होगी और पार्टी अमरिंदर सिंह की अगुवाई में ही 2022 का चुनाव लडे़गी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं, पंजाब कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह से आहत होकर हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से हटने के लिए मन बना लिया है। खैर हरीश रावत पहले ही कह चुके हैं आगामी उत्तराखंड चुनाव को मद्देनजर रखते हुए, उन्होंने पंजाब कांग्रेस पार्टी के प्रभारी से मुक्त होने का फैसला लिया है, जिस पर आलाकमान की मुहर लगना जरूरी है। हालांकि हरीश रावत के करीबियों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में विवाद को सुलझाने के प्रयास में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अपने राज्य में पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। जबकि वह कांग्रेस की ओर से उत्तराखंड के सबसे बड़े चेहरे हैं।
Created On :   27 Aug 2021 4:40 PM IST