असल जिंदगी में भी किंग है त्रिपुरा के किंग मेकर बनने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा, दो साल में कर दिया दो बड़ी पार्टियों का सफाया, बीजेपी को भी दी कड़ी टक्कर, अब बनेंगे आदिवासियों की आवाज

Who is the head of the Tipra Motha party which is giving a tough fight to the BJP in Tripura? pradhyot kishor manikya debbarma
असल जिंदगी में भी किंग है त्रिपुरा के किंग मेकर बनने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा, दो साल में कर दिया दो बड़ी पार्टियों का सफाया, बीजेपी को भी दी कड़ी टक्कर, अब बनेंगे आदिवासियों की आवाज
हार के बाद भी छाए टिपरा प्रमुख असल जिंदगी में भी किंग है त्रिपुरा के किंग मेकर बनने वाले प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा, दो साल में कर दिया दो बड़ी पार्टियों का सफाया, बीजेपी को भी दी कड़ी टक्कर, अब बनेंगे आदिवासियों की आवाज

डिजिटल डेस्क, अगरत्तला। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही बीजेपी के पक्ष में आए हों लेकिन इन सबसे ज्यादा चर्चा टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की हो रही है। क्योंकि महज दो वर्ष पुरानी पार्टी ने बड़े-बड़े धुरंधरों को धूल चटा दी है। इसके अलावा पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया है। त्रिपुरा के 60 विधानसभा सीटों में टिपरा मोथा पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की है। जिसके बाद से ही पार्टी के मुखिया सुर्खियों में बने हुए हैं। तो आइए जानते हैं कि प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा कौन हैं और सियासत की रेस में किंग मेकर कैसे बन गए। 

राजशाही परिवार से है नाता

प्रद्योत किशोर एक राजशाही परिवार से आते हैं। वो त्रिपुरा के 185वें महाराजा कीर्ति बिक्रम किशोर देबबर्मा के इकलौते बेटे हैं। जिनका जन्म 4 जुलाई 1978 को दिल्ली में हुआ था। राजशाही खत्म होने के बाद इनके पिता ने सियासत में अपनी किस्मत आजमाई और कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ गए। पिता को राजनीति में सक्रिय देख प्रद्योत भी कांग्रेस से जुड़े और आदिवासी समाज के लिए बखूबी काम किया।  लेकिन कांग्रेस से अनबन होने की वजह से साल 2019 में कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया और कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपनी पार्टी "टिपरा मोथा" का गठन किया। इसके बाद से ही वो भाजपा सरकार के खिलाफ समय-समय पर आवाज उठाते हुए देखे जाने लगे।

प्रद्योत किशोर जब कांग्रेस पार्टी में थे तभी से उनकी लोकप्रियता आदिवासिय समाज में खासा देखी जाती थी। कांग्रेस से अलग होने के बाद प्रद्योत हर मंच पर 'ग्रेटर टिपरालैंड' की मांग करते आ रहे हैं। दरअसल, प्रद्योत हमेशा से एक अलग राज्य की मांग करते आ रहे हैं, जिसकी मुख्य वजह नई जातीय मातृभूमि को बताते हैं।

कांग्रेस से मोह क्यों हुआ भंग?

कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे की मुख्य वजह एनआरसी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वो कांग्रेस पार्टी  के विचार से सहमत नहीं थे इसलिए उन्होंने पार्टी से खुद को अलग कर लिया। बता दें कि, जब वो कांग्रेस से नाता तोड़ कर चले गए, इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए राजनीति से अपने आप को दूर कर लिया।

 प्रद्योत सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका के सह-वादी रह चुके हैं, जिसमें त्रिपुरा में सीएए को रद्द करने और कट-ऑफ वर्ष के रूप में 1951 के साथ एआरसी को लागू करने की मांग की गई थी। इनको त्रिपुरा के अदिवासियों का संरक्षण के रूप में देखा जाता है और इस समाज के बीच में इनकी जबरदस्त पकड़ मानी जाती है।

अल्पसंख्यक हुए त्रिपुरा के निवासी

ग्रेटर टिपरालैंड की मांग प्रद्योत किशोर आदिवासियों के अधिकारों के लिए मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि अलग राज्य बन जाने की वजह से आदिवासियों की संस्कृति और अधिकारों की रक्षा होगी। दरअसल, त्रिपुरा के मूल निवासी प्रदेश में अल्पसंख्यक हो गए हैं इसी बात का जिक्र वो हर बार करते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान बंगाली समुदाय के लोगों ने त्रिपुरा में काफी संख्या में शरण ली थी। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, बंगाली त्रिपुरा में 24.14 लाख के करीब बंगाली हैं जो कुल 36.74 लाख आबादी में से दो-तिहाई हिस्सा है।

आदिवासियों में है इनकी पैठ

कुछ दिनों पहले ही प्रद्योत किशोर ने विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को लेकर कहा था कि, अगर मेरी पार्टी बहुमत में आती है तो आदिवासी समुदाय के लिए बेहतर काम करूंगा। लेकिन बहुमत का आकंड़ा नहीं मिला तो विपक्ष में बैठना पंसद करूंगा। किसी की भी सरकार बने मैं उनसे ग्रेटर टिपरालैंड बनाने की मांग रखूंगा।  प्रद्योत ने आगे कहा था कि मैं सत्ता का सुख भोगने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा हूं बल्कि आदिवासियों की हालात देख कर ये सब कुछ कर रहा हूं। हालांकि, जिस तरह त्रिपुरा के रिजल्ट आए हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा को विधानसभा में टिपरा मोथा पार्टी के विधायकों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।

नतीजे आने के बाद क्या कहा?

त्रिपुरा के विधानसभा नतीजे के बाद प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने कहा "एक-दो साल पुराना दल आज त्रिपुरा में यंगेस्ट और दूसरा सबसे बड़ा दल बन चुका है। ये जनता का आशीर्वाद है। हम थोड़े से पीछे आए हैं लेकिन दो साल में 0 से 13 पर आना एक उपलब्धि है। सीपीएम आज 11 और कांग्रेस 3 पर है। ये हमारे लिए बहुत बड़ी जीत है।" 

Created On :   3 March 2023 4:49 PM IST

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