समाज के निर्माण के लिए हम लैंगिक विभाजन को पाटने का संकल्प लेते हैं

We resolve to bridge the gender divide to build a society
समाज के निर्माण के लिए हम लैंगिक विभाजन को पाटने का संकल्प लेते हैं
स्मृति ईरानी समाज के निर्माण के लिए हम लैंगिक विभाजन को पाटने का संकल्प लेते हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया। देश में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए, बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में वर्चुअल व ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए। आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) -2022 प्रदान करके बच्चों की अनुकरणीय उपलब्धियों को पहचानने के लिए एक आभासी समारोह का आयोजन किया गया था।

वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ मिलकर कन्या महोत्सव कन्या महोत्सव मनाया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी विभिन्न राज्यों के नौ किशोर बच्चों के साथ एक इंटरैक्टिव ऑनलाइन बातचीत में शामिल हुईं। बातचीत और डिजिटल अभियान ने जोर दिया, हर लड़की खास है, यानी हर लड़की खास है। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम अपनी बेटियों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, हम एक समावेशी और समान के निर्माण के लिए लैंगिक विभाजन को पाटने का संकल्प लेते हैं।

इस मौके पर स्मृति ईरानी ने किशोर लड़कियों और लड़कों की भागीदारी का स्वागत किया, जिन्होंने साहस, दृढ़ संकल्प और आशा की अपनी कहानियों को साझा किया। भारत भर के बच्चों की इन आवाजों को सामने लाने में यूनिसेफ के समर्थन और बच्चों के सुझावों को स्वीकार करते हुए, मंत्री ने बच्चों के सामने आने वाली मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने और डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के साथ संवाद कार्यक्रम का समर्थन करने का अनुरोध किया। अपने समुदायों में बाल विवाह को समाप्त करने में योगदान देने वाली युवा लड़कियों के गठबंधन को एक साथ लाने के लिए और मिशन वात्सल्य के माध्यम से वैकल्पिक देखभाल और परिवार आधारित देखभाल स्थितियों में बच्चों के लिए सेवाओं की सिफारिशों को शामिल करना।

यूनिसेफ दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक, जॉर्ज लारिया अदजेई ने बाल विवाह को रोकने, किशोर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने में भारत की ²ढ़ प्रतिबद्धता और महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस एजेंडे के लिए यूनिसेफ की प्रतिबद्धता और भारत सरकार के साथ काम करने पर जोर दिया।

वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक बालिका के विधायी अधिकार विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसे एनसीपीसीआर के फेसबुक और ट्विटर पर लाइव स्ट्रीम किया गया। वेबिनार के मुख्य वक्ता उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कल्पेश सत्येंद्र झावेरी थे।

शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय, युवा मामले और खेल मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शिक्षा जैसे क्षेत्र में बालिकाओं को सशक्त बनाने में अपने मंत्रालयों की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर सूचनात्मक वेबिनार का आयोजन किया। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य, स्वच्छता, विवाह, अधिकारिता, लैंगिक समानता आदि।

इसमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने 75वें आजादी का महोत्सव के तहत राष्ट्रीय बालिका दिवस पर लड़कियों की उपलब्धियों का जश्न मनाया। कार्यक्रम की थीम हमारी बेटी हमारी शान थी। शिक्षा, खेल, कला उत्सव, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, पर्यावरण और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में 75 लड़कियों को भाग लेने के लिए चुना गया था।

(आईएएनएस)

Created On :   25 Jan 2022 9:30 PM IST

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