यूपी का चुनावी घमासान, एक लड़ाई जेल में बंद बहन की

UPs election turmoil, a fight between a jailed sister
यूपी का चुनावी घमासान, एक लड़ाई जेल में बंद बहन की
विधानसभा चुनाव 2022 यूपी का चुनावी घमासान, एक लड़ाई जेल में बंद बहन की

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बिकरू में 3 जुलाई, 2020 को आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी, तब से वहां शांति है, लेकिन कानपुर के कल्याणपुर निर्वाचन क्षेत्र में उसकी यादें ताजा हो रही हैं। बिकरू की विधवा खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनका अभियान उनकी जेल में बंद बहन के लिए न्याय सुनिश्चित करने के इर्द-गिर्द घूमता है। नेहा 28 कहती हैं, मेरी बहन खुशी की शादी अमर दुबे (मुठभेड़ में मारा गया एक आरोपी) से सिर्फ तीन दिन पहले हुई थी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। वह उस समय 16 साल की थी और तब से जेल में बंद है।

पुलिस ने खुशी पर हत्या और डकैती समेत 17 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। नेहा इस मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ ब्राह्मण वोटरों को लामबंद करने की कोशिश कर रही हैं और उनका कहना है कि उनकी बहन को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया जा रहा है क्योंकि वह ब्राह्मण हैं। वह कहती हैं, मैं लोगों से अपील करती हूं कि इस लड़ाई को जीतने में हमारी मदद करें। मेरी बहन अपराधी नहीं है, बल्कि परिस्थितियों की शिकार है। फिर भी, सरकार उसे एक दुश्मन के रूप में मानती है।

मैं सपा के सतीश निगम और भाजपा की नीलिमा कटियार से भी अपील करती हूं कि मुझे मेरी बहन की खातिर यह चुनाव जीतने दें। अभियान के लिए अपने स्कूटर पर घूमते हुए नेहा कहती हैं, पिछले 18 महीनों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। पूरे परिवार का मानना है कि हम राजनीतिक ताकत के बिना खुशी की मदद नहीं कर सकते। कानूनी लड़ाई ने हमें आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। ब्राह्मण महासभा के अखिलेश बाजपेयी कहते हैं, खुशी की गिरफ्तारी और सरकार के कड़े रुख, खासकर उनके मामले में, ब्राह्मण समुदाय को परेशान किया है और इस लड़ाई में उनकी बहन का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है।

खुशी फिलहाल कानपुर देहात की जिला जेल में बंद है। उनके वकील शिवकांत दीक्षित ने कहा कि परिवार ने मामले में उनकी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। निर्वाचन क्षेत्र की महिलाएं पहले से ही नेहा के प्रति सहानुभूति जता रही हैं। एक युवा गृहिणी ऋतिका कपूर नेहा को गले लगाते हुए कहती हैं, हां, हमारी भी बेटियां हैं और हम आपके साथ पूरी तरह से जुड़ सकते हैं। हम आपको इस कारण से वोट देंगे। मैं ब्राह्मण नहीं हूं, लेकिन मैं आपकी परेशानी महसूस कर सकती हूं।

शुरूआत में नेहा की मां गायत्री देवी ने अपनी बेटी की मदद के लिए समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। फिर वह दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से मिलने गईं और पार्टी ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया। हालांकि, गायत्री का नाम मतदाता सूची से गायब पाया गया और फिर नेहा को कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया। यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कल्याणपुर सीट पर 20 फरवरी को मतदान होना है।

(आईएएनएस)

Created On :   17 Feb 2022 2:31 PM IST

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