पारिवारिक सीट से मैदान में हैं मुख्तार के बेटे

UP elections: Mukhtars son is in fray from family seat
पारिवारिक सीट से मैदान में हैं मुख्तार के बेटे
यूपी चुनाव पारिवारिक सीट से मैदान में हैं मुख्तार के बेटे
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डिजिटल डेस्क, मऊ। मऊ में इस बार यह अनोखा मुकाबला देखने को मिल रहा है। माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी ने अपने बेटे अब्बास अंसारी को कमान सौंपी है, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी)-समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

एसबीएसपी को राजभर समुदाय का काफी समर्थन प्राप्त है।

इसके अलावा, अब्बास अंसारी परिवार में सीट बरकरार रखने के लिए अपने पिता की सद्भावना और रॉबिनहुड छवि पर भरोसा कर रहे हैं। मुख्तार इस सीट से पांच बार जीत चुके हैं।

मुख्तार के एक करीबी का कहना है कि, मऊ में लोग पिछले 25 सालों से मुख्तार अंसारी को वोट दे रहे हैं, क्योंकि वह हमेशा उनकी मदद के लिए मौजूद रहे हैं। लोग इतने लंबे समय तक डर के मारे वोट नहीं देते।

अब्बास अंसारी के चुनावी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के अशोक सिंह हैं।

सिंह और अंसारी पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। अगस्त 2009 में, अशोक के भाई अजय प्रताप सिंह को मुख्तार अंसारी के इशारे पर दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी। हालांकि, मुख्तार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।

सिंह परिवार ने तब बरी होने को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

मार्च 2010 में हत्याकांड के मुख्य गवाह राम सिंह मौर्य और उसके गनर सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुख्तार को फिर से आरोपी बनाया गया था।

अशोक ने कहा, पूरे क्षेत्र में हम एकमात्र परिवार हैं, जो माफिया के खिलाफ खड़ा हुआ है। मुझे धमकी दी गई है और फर्जी मामलों में फंसाया गया है। मुझे पैसे और अन्य सभी प्रकार के समझौता सौदों की पेशकश की गई है, लेकिन मैं मुख्तार को सलाखों के पीछे देखना चाहता हूं।

अशोक ने सहादतपुर मोहल्ले में अपने घर को दर्जनों सीसीटीवी कैमरों से किले में तब्दील कर लिया है।

सिंह ने आगे कहा, अब, मुझे इस सीट पर जीत का पूरा भरोसा है।

अब्बास अंसारी ने विवाद में पड़ने से इनकार करते हुए कहा, मेरा ध्यान अभियान और लोगों से संबंधित मुद्दों पर है। मैं किसी अन्य मुद्दे पर बात नहीं करना चाहता।

बसपा ने राजभर वोटों पर सेंध लगाने के मकसद से मऊ से भीम राजभर को उतारा है।

भीम राजभर ने 2012 में चुनाव लड़ा था। बसपा ने 2017 में मुख्तार को टिकट दिया था, जिन्होंने अपना पांचवां चुनाव जीता था, लेकिन इस बार पार्टी ने राजभर को फिर से मैदान में उतारा है।

बता दें कि मऊ में सात मार्च को मतदान होगा।

आईएएनएस

Created On :   1 March 2022 3:31 PM IST

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