टीआरएस किसानों के देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करने को तैयार

TRS ready to lead nationwide agitation of farmers
टीआरएस किसानों के देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करने को तैयार
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव टीआरएस किसानों के देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करने को तैयार

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को केंद्र की किसान विरोधी नीतियों को लेकर जमकर निशाना साधा है और घोषणा की है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) किसानों के देशव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। यह स्पष्ट करते हुए कि सत्ता के पद टीआरएस को कभी प्रिय नहीं थे और वह किसी भी मामले से डरते नहीं हैं। राव ने अपने खून की आखिरी बूंद तक किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखने की कसम भी खाई। केसीआर चावल खरीद पर केंद्र की नीतियों के विरोध में यहां इंदिरा चौक पर तीन घंटे तक चले महा धरने के बाद मंत्रियों, सांसदों, राज्य विधायकों और अन्य टीआरएस नेताओं को संबोधित कर रहे थे।

टीआरएस प्रमुख ने केंद्र से स्पष्ट करने को कहा कि वह राज्य से चावल खरीदेंगे या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा, (जिन्होंने बुधवार को इसी मुद्दे पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था) हम एक सरल और सीधा सवाल पूछ रहे हैं। क्या आप मौजूदा बारिश के मौसम में चावल खरीदेंगे या नहीं, क्या आप 5 लाख टन चावल लेंगे, जो पिछले खरीफ सीजन के दौरान नहीं खरीदा गया था या नहीं और क्या आप चाहते हैं कि तेलंगाना के किसान आने वाले खरीफ सीजन में धान की खेती करें या नहीं?। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सवाल का स्पष्ट जवाब देने के बजाय किसानों में भ्रम पैदा करने की रणनीति अपना रहा है, जबकि राज्य के भाजपा नेता किसानों को उनके राजनीतिक लाभ के लिए भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

केसीआर ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि लोगों ने एक वर्ग के लोगों को दूसरे के खिलाफ खड़ा करके और भावनाओं को भुनाने के लिए सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के उसके सारे नाटक को समझ लिया है। उन्होंने कहा, समय बदल गया है। लोग समझ गए हैं। आपकी सर्जिकल स्ट्राइक, सीमा पर आपके नाटक और आपकी सारी धोखाधड़ी पूरी तरह से उजागर हो गई है। टीआरएस प्रमुख ने कहा कि भाजपा झूठ बोलकर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर नफरत फैलाकर और अपने आलोचकों के चरित्र हनन का सहारा लेकर देश पर शासन कर रही है। केसीआर ने कहा कि तेलंगाना के किसानों की आवाज देश में एकमात्र आवाज नहीं है, क्योंकि लाखों किसान एक साल से अधिक समय से उत्तर भारत में केंद्र से किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल किसानों के विरोध को दबाने की कोशिश कर रहा है।

केसीआर ने कहा कि आजादी के बाद से देश पर शासन करने वाली सभी पार्टियां लोगों की समस्याओं को दूर करने में बुरी तरह विफल रही हैं, जिनमें से आधे कृषि पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक भूख सूचकांक में बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों से पीछे है। क्या इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ हो सकता है?। टीआरएस प्रमुख ने कहा कि यह स्थिति इस तथ्य के बावजूद है कि देश में 12 करोड़ किसान, 40 करोड़ एकड़ कृषि योग्य भूमि, प्रचुर मात्रा में जल संसाधन और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक हैं। केसीआर ने केंद्र को याद दिलाया कि कृषि उपज की खरीद उसकी जिम्मेदारी थी, क्योंकि भारतीय खाद्य निगम इसके नियंत्रण में आता है और इसके देश भर में गोदाम हैं और यहां तक कि खाद्यान्न निर्यात भी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई परियोजनाओं को पूरा करके और टैंकों के पुनरुद्धार द्वारा सिंचाई सुविधा में सुधार किया है। किसानों को चौबीसों घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली की कमी को दूर किया है और किसानों को निवेश सहायता और बीमा सुविधा प्रदान कर रही है। उन्होंने दावा किया कि देश में कोई अन्य राज्य किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली नहीं दे रहा है और रायथु बंधु और रायथु भीमा जैसी योजनाओं को लागू कर रहा है।

(आईएएनएस)

Created On :   18 Nov 2021 1:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story