2024 के रोडमेप के लिए तीन दिन उदयपुर में ब्रेन स्टोर्मिंग करेंगे कांग्रेसी नेता, पार्टी को नए कलेवर और नए गठबंधन में लाने पर होगा चिंतन
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। देश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में काबिज रहने वाली कांग्रेस एक के बाद मिली चुनावी हार के कारणों का मंथन व भविष्य के रोडमैप तैयार करने के लिए उदयपुर में नव संकल्प चिंतन शिविर का आयोजन कर रही है। यह शिविर तीन दिवसीय यानि 13,14 एवं 15 नवंबर को उदयपुर शहर के ताज अरावली में आयोजित किया जाऐगा। आने वाले समय में गुजरात, एमपी, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस के लिए यह शिविर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर कई फैसले ले सकती है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल, नाराज जी-23 ग्रुप के नेताओं समेत 400 नेता जुटेंगे। जो पार्टी की मौजूदा हालत को सुधारने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
ये होंगे एजेंडे !
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक कांग्रेस के इस चिंतन शिविर में पार्टी की डूबती नैया को उबारने के तरीकों के साथ ही मजबूत होती जा रही बीजेपी से आगामी चुनावों में मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा होगी। पार्टी चिंतन शिविर में आने वाले समय में होने वाले राज्यों विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर फोकस कर सकती है।
संभावित गठबंधन सहयोगी पार्टियों की तलाश
इसके साथ ही पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनावों के लिए अपने संभावित गठबंधन सहयोगी ढूंढने का काम करेगी क्योंकि यूपी, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल में क्षेत्रीय दल कांग्रेस के मुकाबले ताकतवर बनकर उभरे हैं। पार्टी इन क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की संभावना पर काम शिविर में कर सकती है।
विधानसभा चुनाव की चुनौतीे
पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं क्योंकि इन चुनावों के कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव होंगे। अगर इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो इसका फायदा उसे लोकसभा चुनाव में मिलेगा। शिविर में इन राज्यों के चुनाव किन मुद्दों पर लड़े जाएंगे,रणनीति कैसी होगी, इस पर बात की जा सकती है।
चुनावी मुद्दों का होगा चयन
शिविर में महंगाई बेराजगारी और किसानों के मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार पार्टी का कहना है कि देश का आम इंसान मंहगाई और बेरोजगारी से परेशान है। साथ ही किसान बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम और कृषि लागत में बढ़ोत्तरी से परेशान है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर बीजेपी सरकार को घेरा जा सकता है।
संगठनात्मक बदलाव
राजतनैतिक जानकार यह मान रहे है कि कांगेस पार्टी में संगठनात्मक बदलाव, संगठन के चुनाव और संगठन को मजबूती प्रदान करने को लेकर भी फैसला कर सकती है।
बता दें कि चिंतन शिविर के लिए एजेंडे के अनुसार जरुरी मुद्दों पर कमेटियां बनाई गई हैं जिनमें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया है। कमेटी में पार्टी के नाराज जी-23 समूह के सदस्यों को भी जगह दी गई है।
Created On :   4 May 2022 5:27 PM IST