गुजरात में पहले चरण की ये सीटें बेहद महत्वपूर्ण, हार जीत से तय करेगी मुख्यमंत्री की कुर्सी का सफर

गुजरात में पहले चरण की ये सीटें बेहद महत्वपूर्ण, हार जीत से तय करेगी मुख्यमंत्री की कुर्सी का सफर
गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 गुजरात में पहले चरण की ये सीटें बेहद महत्वपूर्ण, हार जीत से तय करेगी मुख्यमंत्री की कुर्सी का सफर

डिजिटल डेस्क, गांधी नगर। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग का इंतजार खत्म हुआ। एक दिसंबर को पहले चरण की कुल 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें सौराष्ट्र की 48, कच्छ की 6 और दक्षिण गुजरात की 35 सीटें शामिल हैं। कल इन सीटों पर मतदाता 788 उम्मीदवारों की किस्मत तय करेंगे। पहले चरण की 89 सीटों में से कई सीटें वीवीआईपी श्रेणी में आती हैं। जहां से मौजूदा सरकार के वर्तमान मंत्री व बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, कल होने वाले चुनाव में 10 सीटें ऐसी हैं जो सियासत में अपना सीधा दखल रखती हैं और सत्ता में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं। तो आइए जानते हैं इन सीटों का सियासी समीकरण।

1- कुटियाणा

गुजरात की सियासत में इस सीट का अपना अलग ही महत्व है। पोरबंदर की कुटियाणा सीट से लगातार दो बार से विधायक कांधल जाडेजा गुजरात की लेडी डॉन कही गई संतोकबेन जाडेजा के बेटे हैं। दो बार से वह एनसीपी की टिकट पर जीते थे लेकिन इस बार वह समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांधल जाडेजा का इस इलाके में बड़ा प्रभाव है। हालांकि, उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बीजेपी ने इस सीट से ढेलीबेन आढेदरा को मैदान में उतारा है। बीजेपी को भरोसा है कि महिला प्रत्याशी उतारने का उसको फायदा मिलेगा और कमल खिलेगा। दिलचस्प ये देखना होगा कि कांधल जाडेजा को वह हैट्रिक बनाने से रोक पाएगी या फिर कांधल साइकिल की सवारी कर विधानसभा पहुंचेंगे।

2- भावनगर पश्चिम

गुजरात सरकार के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी भावनगर जिले से चुनाव लड़ रहे हैं। वे साल 2012 से इस जीत पर जीत दर्ज कर रहे हैं। जीतू वाघाणी को कड़ी टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोलंकी को मैदान में उतारा है। राजू सोलंकी आप के नए पोस्टर ब्वॉय भी हैं। हालांकि, स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का वादा करने वाली आप क्या वाघाणी को इस बार शिकस्त दे पाएगी? या फिर से वाघाणी जीत की माला पहनेंगे। बताया जा रहा है कि इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस की ओर से किशोर सिंह गोहिल चुनाव मैदान में हैं। 

3- पोरबंदर

गुजरात चुनाव हो और पोरबंदर सीट की चर्चा न हो ऐसा कैसे हो सकता है। कल होने वाले मतदान में यह सीट काफी चर्चित है। एक खास वजह ये भी है कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मस्थान भी पोरबंदर है। इस बार चुनाव में दो दिग्गज नेताओं के बीच लड़ाई है। साल 2017 राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बाबूभाई बोखरिया ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाड़िया को हरा दिया था। तब मोढिवाड़िया लगातार दो बार चुनाव हारे थे। इस बार दोबारा दोनों नेता चुनावी मैदान में आमने-सामने खड़े हैं। हालांकि, पिछली बार बाबूभाई ने कांग्रेस नेता मोढवाड़िया को काफी कम अंतर 1,855 वोटों से हराया था। इस बार चुनाव में अर्जुन मोढवाड़िया अपनी झोली में सीट डाल पाएंगे? इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। 

4- वराछा रोड

यह सीट पाटीदारों का गढ़ मानी जाती है, क्योंकि आप ने यहां पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरे अल्पेश कथीरिया को मैदान में उतारा है। तो वहीं बीजेपी ने पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक किशोर कनाणी को चुनाव लड़ाया है। इन दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की टक्कर देखने को मिल सकती है। अल्पेश कथीरिया सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। अक्टूबर, 2022 महीने में आम आदमी पार्टी से जुड़े अल्पेश पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल के बाद नंबर-2 पर थे। अब देखना है कि क्या किशोर कनाणी को अल्पेश शिकस्त दे पाएंगे।

5- गोंडल

राजकोट जिले की गोंडल सीट हमेशा से सुर्खियों में रहती है। इस सीट पर क्षत्रिय परिवारों के वर्चस्व की लड़ाई रहती है। बीजेपी ने इस सीट पर एक बार फिर से मौजूदा विधायक गीताबा जाडेजा को उतारा है। गीताबा पूर्व विधायक जयराज सिंह जाडेजा की पत्नी हैं तो दूसरी तरफ टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक महिपत सिंह जाडेजा के बेटे अनिरूद्ध जाडेजा नाराज है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को खुलकर मदद करने का ऐलान किया है। इस सीट पर बीजेपी की चुनौती बढ़ सकती है।

6- कतारगाम

इस सीट पर आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया चुनाव लड़ रहे हैं। इस वजह से ये सीट काफी दिलचस्प हो चुकी है। गोपाल इटालिया पूर्व में कांस्टेबल व क्लर्क की नौकरी छोड़कर राजनेता बने हैं। वे इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पाटीदार वोटरों की अच्छी संख्या वाली इस सीट पर उनका मुकाबला वीनू मोरडिया से हैं। बीजेपी नेता वीनू मोरडिया का इस सीट पर अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। वीनू मोरडिया और गोपाल इटालिया की आमने-सामने की टक्कर को लेकर यह सीट चर्चा में है। उधर कांग्रेस ने इस सीट पर कल्पेश वारिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में अब देखना है कि इस बार कौन जीत की माला पहनता है।

7- खंभालिया 

गुजरात में इन दिनों ये खंभालिया सीट काफी चर्चा में है। आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरा इसुदान गढ़वी इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पेशे से पत्रकार रहे गढ़वी की वजह से खंभालिया सीट सुर्खियों में बनी हुई है। हालांकि, चुनावी रण में गढ़वी को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। इस सीट का इतिहास रहा है कि यहां से सिर्फ अहीर समुदाय से आने वाले प्रत्याशी को जीत मिली है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आप उम्मीदवार जाति के इस बंधन को तोड़ पाएंगे? या फिर उसके उलट परिणाम देखने  को मिलेगा। इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। बीजेपी ने यहां से मुलुभाई बेरा व कांग्रेस ने विक्रम माडम को रिपीट किया है। यह सीट द्वारका जिले में आती है।

8- मोरबी  

हो सकता है अभी तक मोरबी सीट को गुजरात में ही लोग जानते थे, लेकिन केबल पुल हादसे के बाद मोरबी को न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी लोग जानने लगे हैं। पुल टूटने से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। मोरबी घटना चुनावी मुद्दा भी रहा है। जिसके चलते यह सीट काफी चर्चा में है। बीजेपी ने यहां से मौजूदा विधायक व मंत्री ब्रजेश मेरजा का टिकट काटकर पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को चुनाव लड़ाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में ब्रजेश मेरजा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके बाद 2020 में उपचुनाव हुआ था, इसमें मेरजा जीते थे। इस बार वे मैदान से बाहर हो चुके हैं। अब देखना है कि इस सीट पर अमृतिया का जादू बरकरार रहेगा या फिर किसी अन्य दल के खाते में जाएगी।

9- वसंदा

वसंदा सीट नवसारी जिले में आती है जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है, पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस के युवा नेता अनंत पटेल ने जीत हासिल की थी। ट्यूशन शिक्षक से विधायक बने कांग्रेस नेता क्या इस बार फिर से जीत दोहरा पाएंगे? इसको लेकर चर्चा जोरों पर है। बीजेपी ने इस बार युवा नेता पीयूष पटेल को मैदान में उतारा है। पीयूष पटेल अभी तक सरकारी नौकरी कर रहे थे। वे नौकरी छोड़ चुनाव लड़ रहे थे तो वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां से पंकज पटेल को चुनाव लड़ाया है। राहुल ने गुजरात में जो भी रैलियां की थी, उनमें से महुवा में अनंत पटेल के लिए भी की थी। ऐसे में यह सीट काफी अहम मानी जा रही है। इस सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। 

10- जामनगर उत्तर 

जामनगर उत्तर की सीट पिछली बार बीजेपी के खाते में गई थी। यहां से धर्मेंद सिंह जडेजा विधायक थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर क्रिकेटर रवीन्द्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को मौका दिया है। गौरतलब है कि रिवाबा साल 2019 में लोकसभा चुनावों में बीजेपी में शामिल हुई थीं। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। यहां पर रिवाबा का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार बिपेन्द्र सिंह जडेजा से है। यह सीट पारिवारिक मनमुटाव की वजह से चर्चा में है। खासबात यह है कि इस सीट पर रिवाबा की ननद नैया जडेजा कांग्रेस से लड़ रही हैं। ऐसे में रिवाबा को कड़ी टक्कर मिल सकती है। यह सीट क्षत्रिय बहुल है।

Created On :   30 Nov 2022 5:56 PM IST

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