तेलंगाना भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना भाजपा प्रमुख बंदी संजय ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष पोचारम श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ संवैधानिक पद पर रहते हुए राजनीतिक टिप्पणी करने के लिए कार्रवाई की मांग की। संजय ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आचरण पर बहस होनी चाहिए, जिन्होंने हाल ही में राज्य की अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों को सत्र में शामिल नहीं होने देकर लोगों के मुद्दों को सदन में बहस के लिए न आने देने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में भाजपा को आमंत्रित नहीं करने के लिए अध्यक्ष की आलोचना की। उन्होंने यहां पार्टी कार्यालय में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के नवनिर्वाचित संयोजकों और संयुक्त संयोजकों और जिला प्रभारियों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भाजपा से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सार्वजनिक मंच पर टीआरएस के साथ सभी मुद्दों को सुलझाएगी।
इस बीच, भाजपा विधायक एटाला राजेंदर ने मुख्यमंत्री केसीआर को चुनौती दी कि वह उन्हें विधानसभा में शामिल होने दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कम से कम यह घोषणा करनी चाहिए कि वह उन्हें विधानसभा में नहीं देखना चाहते। राजेंद्र उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि टीआरएस सरकार अध्यक्ष के खिलाफ कुछ टिप्पणी करने के लिए उन्हें विधानसभा से निलंबित करने की योजना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर लोकतंत्र की आड़ में राज्य में अपना निरंकुश शासन जारी रखे हुए हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, देखते हैं कि वे किस तरह का नोटिस भेजते हैं। मुझे अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। बीएसी की बैठक में भाजपा को न्योता नहीं दिए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए राजेंद्र ने मंगलवार को कहा था कि अध्यक्ष मुख्यमंत्री के हाथ में रोबोट नहीं होना चाहिए। राजेंद्र की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विधायी मामलों के मंत्री वेमुला प्रशांत रेड्डी ने मांग की थी कि वह अध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांगें।
भाजपा विधायक की टिप्पणी को अपमानजनक और विधानसभा का अपमान बताते हुए प्रशांत रेड्डी ने कहा था कि अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ विधानसभा के नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि बीएसी की बैठक में किसी पार्टी को आमंत्रित करना अध्यक्ष का फैसला है।
इस बीच बीजेपी के एक अन्य विधायक रघुनंदन राव ने स्पीकर के इस कदम पर सवाल उठाया है। वह जानना चाहता था कि बीएसी की बैठक में एक पार्टी को कितने सदस्यों को आमंत्रित करना चाहिए। उन्होंने याद किया कि पूर्व में एक सदस्य वाले दलों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाता था।
भाजपा विधायक ने प्रशांत रेड्डी को इस मुद्दे पर बहस की चुनौती दी। राव ने कहा कि अध्यक्ष ने एमआईएम और कांग्रेस को बीएसी की बैठक में आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने भाजपा को नजरअंदाज करना चुना, जिसमें तीन सदस्य हैं। भाजपा विधायक ने प्रशांत रेड्डी को इस मुद्दे पर बहस की चुनौती दी। राव ने कहा कि अध्यक्ष ने एमआईएम और कांग्रेस को बीएसी की बैठक में आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने भाजपा को नजरअंदाज करना चुना, जिसमें तीन सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजेंद्र को नोटिस जारी किया जाता है तो वे कानूनी रूप से इससे निपटेंगे। उन्होंने तर्क दिया कि राजेंद्र द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द असंसदीय नहीं था।
(आईएएनएस)
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Created On :   7 Sept 2022 5:00 PM GMT