तेलंगाना: मुनुगोड़े में भाजपा उम्मीदवार को विरोध का सामना करना पड़ा

Telangana: BJP candidate faces opposition in Munugode
तेलंगाना: मुनुगोड़े में भाजपा उम्मीदवार को विरोध का सामना करना पड़ा
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डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। मुनुगोड़े विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान शनिवार को भाजपा उम्मीदवार कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को कांग्रेस, टीआरएस और भाकपा समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र से 18,000 करोड़ रुपये का ठेका हासिल करने के बाद मुनुगोड़े के लोगों पर उपचुनाव थोपने के लिए राजगोपाल रेड्डी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने राजगोपाल रेड्डी और अन्य भाजपा नेताओं की गाड़ियों को रोका और उनसे विधायक पद छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के उनके कदम के बारे में सवाल किया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राजगोपाल रेड्डी ने 2018 के चुनावों में जीतने के बाद लोगों को धोखा दिया। विरोध प्रदर्शन संस्थान नारायणपुर मंडल (ब्लॉक) के कोथुलापुरम में हुई जब राजगोपाल रेड्डी चुनाव प्रचार कर रहे थे। राजगोपाल रेड्डी की तब से आलोचना हो रही है, जब उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि उनकी कंपनी को छह महीने पहले 18,000 करोड़ रुपये का ठेका मिला था। उन्होंने जुलाई में कांग्रेस और विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया और अगस्त में मुनुगोड़े में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक जनसभा के दौरान भाजपा में शामिल हो गए।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कांग्रेस अनुबंध के लिए पार्टी बदलने के लिए उन पर निशाना साध रहे हैं। टीआरएस नेताओं ने आरोप लगाया है कि राजगोपाल रेड्डी ने अमित शाह से वादा किया था कि वह उपचुनाव जीतने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। अनुबंध को लेकर भाजपा उम्मीदवार को निशाना बनाने वाले पोस्टर पहले ही निर्वाचन क्षेत्र में दिखाई दे चुके हैं। शनिवार को भी निर्वाचन क्षेत्र में पोस्टर देखे गए। हुजूराबाद और दुबक निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों की ओर से अज्ञात व्यक्तियों ने पोस्टर चिपकाए। उन्होंने मुनुगोड़े के मतदाताओं से अपील की कि वह उनकी तरह ठगे नहीं जाएं।

भाजपा ने क्रमश: 2020 और 2021 में हुए उपचुनाव में दुबक और हुजुराबाद सीट जीती थी। इस बीच, भाजपा सांसद के.लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि मुनुगोड़े में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को हार का डर है। उन्होंने कहा कि इसी डर से मुख्यमंत्री केसीआर ने कम्युनिस्ट पार्टियों से हाथ मिलाया है। उन्होंने कहा कि केसीआर ने कभी वामपंथी पार्टियों को बेकार पार्टी बताया था लेकिन अब उन्हीं पार्टियों से हाथ मिला लिया है। राज्यसभा सदस्य ने भविष्यवाणी की कि हुजूराबाद और दुब्बाक की तरह, टीआरएस को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा। भाजपा नेता ने कहा कि टीआरएस का डर इस बात से भी दिखता है कि सभी मंत्री और 86 विधायक इस निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   15 Oct 2022 7:00 PM IST

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