सीबीआई को नामजद लोगों को गिरफ्तार न करने पर कोर्ट के गुस्से का सामना करना पड़ा
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सोमवार को कोलकाता की विशेष अदालत के गुस्से का सामना करना पड़ा, क्योंकि पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में उसके आरोप पत्र में नामजद कई लोगों को एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और मामले के मुख्य आरोपियों में से एक पार्थ चटर्जी के वकील ने सोमवार को बताया कि सीबीआई के आरोप पत्र में कुल 16 लोगों का नाम था, लेकिन अभी तक केवल सात को गिरफ्तार किया गया है। चटर्जी के वकील ने तर्क दिया, इससे पता चलता है कि जांच किस दिशा में जा रही है।
विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने पहले ही सीबीआई को आगाह कर दिया था कि इस तरह के सवाल उठना लाजिमी है। सीबीआई के वकील ने अपनी दलील में कहा कि मामले की केस डायरी साबित करती है कि घोटाला कितना गहरा है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने भी हाल ही में जांच की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि इस गति से अभियुक्तों को जमानत देना अपरिहार्य होगा।
सोमवार को चटर्जी ने दावा किया कि वह राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री के रूप में भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह से शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा, फिर भी, मैं हिरासत में हूं। मैं ही क्यों भुगतूं? मैं अदालत से अनुरोध करता हूं कि मुझे किसी भी हालत में जमानत दी जाए। सीबीआई अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए जो चाहे कर रही है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी और उनकी न्यायिक हिरासत आठ मई तक बढ़ा दी। अदालत के बाहर, मीडियाकर्मियों ने चटर्जी से पिछले साल जुलाई में उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से बरामद नकदी के बड़े स्रोत के बारे में पूछताछ की। चटर्जी का एक-पंक्ति का जवाब आया, बेहतर होगा आप इसका पता लगा लें।
(आईएएनएस)
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Created On :   24 April 2023 8:30 PM GMT