वाईएसआरसीपी के निलंबित विधायक नेल्लोर में नजरबंद
डिजिटल डेस्क, अमरावती। निलंबित वाईएसआरसीपी विधायक कोटमरेड्डी श्रीधर रेड्डी को गुरुवार को नेल्लोर में उनके निर्वाचन क्षेत्र में पुल के निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन को रोकने के लिए घर में नजरबंद कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई के विरोध में नेल्लोर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अपने आवास के सामने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। पुल निर्माण की मांग करते हुए विधायक ने आठ घंटे की जल दीक्षा की घोषणा की थी। हालांकि, पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए जाने से रोक दिया कि विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। उन्हें रोकने के लिए विधायक के घर के आसपास भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए विधायक के समर्थक भी वहां पहुंच गए।
श्रीधर रेड्डी ने कहा कि वह तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक पुलिस जल दीक्षा की अनुमति नहीं देती। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह पिछले 10 दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए पुलिस से अनुरोध कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में नागरिक मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज कराने की भी अनुमति नहीं दे रही है। विधान परिषद चुनाव में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के उम्मीदवार के लिए वोट डालने के लिए पिछले महीने वाईएसआरसीपी द्वारा निलंबित किए गए चार बागी विधायकों में से एक श्रीधर रेड्डी थे।
24 मार्च को अपने निलंबन से कुछ घंटे पहले, श्रीधर रेड्डी टीडीपी में शामिल हो गए। श्रीधर रेड्डी ने फरवरी में वाईएसआरसीपी के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था और इस आरोप से सनसनी मचा दी थी कि ऊपर से उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने लोगों के मुद्दों को उठाया और अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों, पीने के पानी और अन्य नागरिक समस्याओं के बारे में बात की तो फोन टैपिंग शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि बिना मुख्यमंत्री के आदेश के फोन टैपिंग संभव नहीं है।
(आईएएनएस)
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Created On :   6 April 2023 9:00 AM GMT