स्टालिन को मुल्लापेरियार बांध पर केरल के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए

Stalin should not hold talks with Kerala CM on Mullaperiyar dam
स्टालिन को मुल्लापेरियार बांध पर केरल के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए
रामदास स्टालिन को मुल्लापेरियार बांध पर केरल के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को मुल्लापेरियार बांध मुद्दे पर अपने केरल समकक्ष के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए।रामदास ने यह भी कहा कि स्टालिन को मुल्लापेरियार बेबी डैम को मजबूत करने और मुल्लापेरियार बांध में जल संग्रहण स्तर को मौजूदा 142 फीट से बढ़ाकर 152 फीट करने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।पीएमके नेता ने कहा कि केरल सरकार बांध में जल भंडारण स्तर बढ़ाने के तमिलनाडु के प्रयासों में बाधा डाल रही है, क्योंकि लक्जरी कॉटेज और लोकप्रिय हस्तियों के बंगले पानी में डूब जाएंगे। रामदास ने कहा कि केरल तमिलनाडु को जल स्तर बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेने से रोकना चाहता है।

केरल के बिजली मंत्री के कृष्णन कुट्टी के राज्य विधानसभा में उस सवाल पर जवाब पर कि दिसंबर के लिए एक बांध बनाने पर मुख्यमंत्री स्तर की बातचीत की योजना बनाई गई है, इस पर रामदास ने कहा कि तमिलनाडु को इस तरह के किसी भी निमंत्रण को स्वीकार नहीं करना चाहिए। त्रावणकोर के तत्कालीन महाराजा और तत्कालीन ब्रिटिश राज के बीच 1886 के समझौते के तहत बनाए गए बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु आमने- सामने हैं। हालांकि बांध केरल में स्थित है, लेकिन इसका स्वामित्व, रखरखाव और संचालन तमिलनाडु के पास है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई, 2014 को तमिलनाडु के पक्ष में फैसला सुनाया था और राज्य को मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर को उसके पहले के 136 फीट के भंडारण स्तर से 142 फीट तक बढ़ाने की अनुमति दी थी।2012 में, सुप्रीम कोर्ट की अधिकार प्राप्त समिति ने कहा था कि मुल्लापेरियार बांध संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है। 2006 में भी, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि केरल तमिलनाडु को बांध में जल स्तर को 142 फीट तक बढ़ाने और मरम्मत कार्य करने से नहीं रोक सकता है।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Nov 2021 6:00 PM IST

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