शिंदे दिल्ली से महाराष्ट्र लौटे, हिंदुत्व, अंडरवल्र्ड, मराठा आरक्षण व विकास के सहारे उद्धव को देंगे मात

Shinde returned to Maharashtra with Gurumantra from Delhi, Hindutva, Underworld, Maratha would defeat Uddhav
शिंदे दिल्ली से महाराष्ट्र लौटे, हिंदुत्व, अंडरवल्र्ड, मराठा आरक्षण व विकास के सहारे उद्धव को देंगे मात
गुरुमंत्र शिंदे दिल्ली से महाराष्ट्र लौटे, हिंदुत्व, अंडरवल्र्ड, मराठा आरक्षण व विकास के सहारे उद्धव को देंगे मात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पहली बार देश की राजधानी दिल्ली के दौरे पर आए एकनाथ शिंदे यहां से एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश, ताकत और गुरुमंत्र लेकर अपने गृह राज्य लौट गए हैं। शुक्रवार और शनिवार के दो दिवसीय दौरे के दौरान शिंदे ने अपने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की।

हालांकि शिंदे और फडणवीस, दोनों ही नेताओं ने साझे प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा किया कि वे यहां (दिल्ली) वरिष्ठ लोगों का आशीर्वाद लेने आए थे और मंत्रिमंडल को लेकर मुंबई में ही चर्चा होगी। लेकिन यह बताया जा रहा है कि अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल गठन और विभागों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई।

बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह शिंदे मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। गठबंधन के दोनों ही दलों को 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे की याचिका पर होने वाली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के कामकाज में तेजी आती भी दिखाई देगी।

दरअसल, शिवसेना के अधिकांश विधायकों को अपने साथ जोड़कर भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने वाले शिंदे की असली परीक्षा महाराष्ट्र के राजनीतिक मैदान में होनी है। बालासाहेब ठाकरे की विरासत के असली वारिस और असली शिवसना होने का दावा करने वाले शिंदे को शिवसैनिकों को अपने साथ लेने के लिए कई स्तरों पर आक्रामक ढंग से काम करना होगा। शिंदे के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा या यूं कहे कि देवेंद्र फडनवीस की छाया से बाहर निकलकर अपनी एक अलग छवि बनाने की है, क्योंकि महाराष्ट्र का आम शिवसैनिक अपने नेता में बालासाहेब ठाकरे का स्टाइल ही देखना चाहता है।

शिंदे के साथ-साथ भाजपा आलाकमान को भी राज्य की राजनीतिक स्थिति का बखूबी अंदाजा है। इसलिए शिंदे की दिल्ली यात्रा के दौरान भाजपा के आला नेताओं ने यह स्पष्ट राजनीतिक संदेश दे दिया है कि महाराष्ट्र सरकार के नेता एकनाथ शिंदे हैं और उन्हे भी राज्य के नेता के तौर पर ही काम करने की सलाह या यूं कहे कि गुरुमंत्र दिया गया है।

अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद शिंदे के साथ मीडिया से बात करते हुए फडनवीस ने साफ और स्पष्ट शब्दों में यह कहा कि वे शिंदे के साथ हैं। वे मुख्यमंत्री रहे हैं, इसलिए यह जानते हैं कि मुख्यमंत्री ही नेता होता है। एकनाथ शिंदे हमारे नेता और सीएम है। हम उनके नेतृत्व में काम करेंगे। फडनवीस ने कहा कि उनका पहला उद्देश्य इस सरकार को सफल बनाना है और यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

भाजपा आलाकमान से स्पष्ट संदेश और राजनीतिक ताकत मिलने के बाद अब शिंदे के सामने सबसे बड़ा लक्ष्य उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र की राजनीति में मात देकर हर स्तर के चुनाव में अपने गुट को असली शिवसेना साबित करना है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली से गुरुमंत्र लेकर महाराष्ट्र लौटे एकनाथ शिंदे आने वाले दिनों में हिंदुत्व, अंडरवल्र्ड और मराठा आरक्षण के साथ-साथ विकास के मुद्दों के सहारे उद्धव ठाकरे की राजनीतिक जमीन को खिसकाने की कोशिश करेंगे।

उद्धव ठाकरे के आरोपों का पुरजोर शब्दों में खंडन करते हुए शिंदे ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने कोई बगावत नहीं की है, बल्कि पार्टी के अंदर क्रांति हुई है। हम बालासाहेब ठाकरे के आदर्शो का अनुसरण कर रहे हैं।

शिंदे ने कहा, उन्होंने (ठाकरे) हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना सिखाया, जिन्होंने बाला साहब का हिंदुत्व नकार दिया, उनके साथ तो हम नहीं जा सकते हैं।

शिंदे ने यह भी दावा किया कि वह ही असली शिवसेना के नेता हैं और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने उनके गुट को मान्यता भी दी है। शिंदे ने बालासाहेब को याद करते हुए कहा कि बालासाहेब अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ थे, लेकिन उद्धव ठाकरे दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाए, यहां तक कि उनके दो मंत्रियों के संबंध भी दाऊद के साथ थे।

आपको बता दें कि दिल्ली दौरे के दौरान शिंदे ने सॉलिसिटर जनरल से भी मुलाकात की। मुलाकात की वजह के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शिंदे ने बताया कि उन्होंने सॉलिसिटर जनरल के साथ मुलाकात के दौरान मराठा आरक्षण को लेकर चर्चा की। जाहिर है कि दिल्ली दौरे के बाद सरकार चलाने और महाराष्ट्र में राजनीति करने को लेकर शिंदे ने अपने एजेंडे को साफ तौर पर बता दिया है। उनका यह संदेश अपने विधायकों के लिए भी है, सहयोगी भाजपा के लिए भी है और विरोधी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए भी।

यह तो तय है कि असली शिवसेना साबित करने की लड़ाई चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट तक जरूर पहुंचेगी और ये लड़ाई शिंदे पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे भी, लेकिन इसके साथ ही शिंदे पूरी ताकत के साथ महाराष्ट्र में संगठन और चुनावी राजनीति में भी यह लड़ाई लड़ते नजर आएंगे और इसमें भाजपा पूरी ताकत के साथ उनका साथ देगी और शायद भविष्य की इसी लड़ाई को ध्यान में रखते हुए ही भाजपा आलाकमान ने बिल्कुल आखिरी समय पर फडनवीस को सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभालने का निर्देश दिया था।

(आईएएनएस)

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Created On :   10 July 2022 11:00 AM IST

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