सत्ता की गद्दी पर पहुंचाने वाले सूबे पूर्वांचल में आज शाह, सपा के गढ़ को दोबारा भेदने की बीजेपी की तैयारी
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- सियासी राजनीति का जातीय गणित
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आज दूसरा दिन है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारम्भ किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा स्वभाषा को आगे बढ़ाएं। अमित शाह ने कहा अमृत महोत्सव हमारे लिए युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के साथ संकल्प का साल है। अमित शाह ने कहा जो काम आजादी के बाद होना चाहिए वो पीछे छूट गए। आजादी के तीन स्तंभ स्वराज, स्वदेशी और स्वभाषा। स्वराज तो मिल गया, लेकिन स्वदेशी और स्वभाषा पीछे छूट गए।
गृहमंत्री शाह यूपी सियासत पर ज्यादा मजबूत रखने वाले इलाके पूर्वांचल के काशी के अलावा पूर्व सीएम अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ भी पहुंचे। शाह अखिलेश के सियासी सूबे में सेंधमारी करने की पूरी कोशिश कर रहे है। वैसे 2017 में पूर्वांचल के 28 जिलों की 164 सीटों में से 115 सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल कर सपा के गढ़ में सेंधमारी कर यूपी की सत्ता पर काबिज हुई थी। बीजेपी दोबारा इस रिकॉर्ड को कायम रखना चाहती है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आजमगढ़ में एक यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान शाह अकबेलपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। जिसके जरिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाह पूर्वांचल को साधने का प्रयास करेंगे।आजमगंढ की पॉलिटिक्स जमीन से शाह और योगी बीजेपी की जीत की जमीम सीचेंगे।
आजमगढ़ समाजवादी पार्टी औऱ बहुजन समाज पार्टी की मजबूती वाला इलाका है। आजमगढ़ की राजनीतिक भौगोलिक स्थिति के चलते पीएम मोदी भी चार महीने में तीन बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके है। बीजेपी का प्रयास है कि सपा बसपा के इस मजबूत किले को भेदा जाए। क्षेत्र का जातिगत फैक्टर चुनावी समीकरण बनाता और बिगाड़ता है। यहां मुस्लिम यादव मतदात 45 फीसदी है। दलित 30 प्रतिशत और सामान्य जाति 24 प्रतिशत के आसपास है। जातिगत समीकरण के चलते सालों से यह इलाका बसपा सपा का गढ़ बना हुआ है।
Created On :   13 Nov 2021 8:45 AM IST