BSF अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास
- सीएम चन्नी ने शिअद पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया गया था। सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि शिरोमणि अकाली दल ने हमेशा राजनीति के संकीर्ण चश्मे के माध्यम से सब कुछ देखा। उन्होंने विशेष रूप से अत्यधिक महत्व के मुद्दों जैसे राज्यों को अधिक शक्तियों का हस्तांतरण, चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करना और आनंदपुर साहिब जैसे मुद्दों पर शिअद के रुख की आलोचना की।
चन्नी ने पंजाब पर इस तरह के फैसलों को लागू करने के लिए अकालियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कई आरोप लगाए। चन्नी ने शिअद पर निशाना साधते हुए कहा जब आरएसएस और उसकी राजनीतिक शाखा भाजपा ने अनुच्छेद 370 को रद्द करके देश के संघीय ढांचे को कमजोर किया तो अकालियों ने न केवल भाजपा का पक्ष लिया बल्कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस कदम के पक्ष में बात की और यहां तक कि अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ मतदान न करने की हद तक चले गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर हुई उनकी आलोचना का खंडन करते हुए सीएम चन्नी ने कहा कि दोनों गणमान्य व्यक्तियों के साथ उनकी बैठक शिष्टाचार भेंट थी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा शायद अकाली दल यह भूल गया है कि मैंने केंद्र सरकार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने पर जोर देने के अलावा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बार-बार अनुरोध करते हुए पत्र लिखे हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन को आगे बताया कि केंद्र सरकार के साथ सुरक्षा मुद्दों पर अपनी बैठकों में उन्होंने हमेशा यह रुख अपनाया कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील किया जाना चाहिए, ताकि ड्रग्स पंजाब में प्रवेश न कर सके।
उन्होंने कहा मैंने उनसे कभी भी राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नहीं कहा जिस पर मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। मैं भारत सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करता हूं।
दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले महीने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन करते हुए सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर तक के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया था। पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का अपमान बताया और इसे वापस लेने की मांग की।
(आईएएनएस)
Created On :   11 Nov 2021 8:00 PM IST