मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चलेगा आरक्षण का मुद्दा, बसपा और कांग्रेस ने दिए संकेत
- ओबीसी आरक्षण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए हर पार्टी बड़े बड़े दावे कर रही है। हर बार की तरह आने वाले चुनावों में भी आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर एमपी की चुनावी राजनीति में अलाप करेगा।
बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन में आरक्षण का मुद्दा उठाया। सांसद गौतम ने सदन में कहा कि मध्यप्रदेश में रजक समाज कई जिलों में पिछड़े वर्ग में, और कई जिलों में अनुसूचित जाति वर्ग में है। सांसद गौतम ने सदन में कहा कि रजक समाज की सामाजिक स्थिति के लिहाज से उनको अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल होना चाहिए। जिसके लिए रजक समाज कई सालों से अपनी लड़ाई लड़ रहा है। बीएसपी के इस प्रयास से खुश होकर रजक समाज के प्रतिनिधियों ने बसपा कार्यालय में आयोजित प्रदेश स्तरीय मासिक बैठक में शामिल होकर बीएसपी चीफ मायावती, सांसद रामजी गौतम, प्रदेशाध्यक्ष इंजी रमाकांत पिप्पल के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं का आभार जताया और रजक समाज के लोगों ने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की। साथ ही रजक समाज के वरिष्ठ लोगों ने बसपा को जिताने का भरोसा दिया।
कांग्रेस भी एक बार फिर ओबीसी आरक्षण के सहारे चुनावी मैदान में उतरने के मूड़ में है। रीवा में ओबीसी समुदाय के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओबीसी जनगणना और ओबीसी आरक्षण के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया। वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान को ओबीसी वोटरों से जोड़कर देखा जा रहा है। पूर्व सीएम के बयान ने ये साफ कर दिया है कि कांग्रेस हर हाल में पिछड़े वर्ग के वोटों को अपने पक्ष में करना चाहती है।
चुनाव से पहले कमलनाथ के बयान को बड़ा दांव माना जा रहा है। पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम ओबीसी को अधिक लाभ दिलाने के लिए संविधान में संशोधन करेंगे। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ के बयान को ओबीसी के बीच कांग्रेस पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के संदर्भ में देखा जा रहा है। इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में मेरी सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा।
Created On :   7 Jan 2023 6:31 AM GMT