आंतरिक मतभेदों के बाहर आने का अफसोस, माकपा की संगोष्ठी में नहीं जा रहा : थरूर
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- आंतरिक मतभेदों के अनुचित सार्वजनिक प्रसारण को दी प्राथमिकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के तुरंत बाद पार्टी नेता शशि थरूर ने सोमवार को माकपा के अगले महीने होने वाले राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया।
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने एक बयान में कहा, मुझे खेद है कि कुछ लोगों ने आंतरिक मतभेदों के अनुचित सार्वजनिक प्रसारण को प्राथमिकता दी, जिससे एक ऐसे मामले में अनावश्यक विवाद पैदा हो गया, जिसमें एआईसीसी का दृष्टिकोण बाध्यकारी था। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ज्ञान की जीत होगी। संगोष्ठी में भाग लेने के अपने खुलेपन को सही ठहराते हुए, थरूर ने कहा कि संगोष्ठी के विषय में केरल में संवेदनशीलता का कोई मामला शामिल नहीं है, बल्कि केंद्र-राज्य संबंधों पर था, जहां हमारी पार्टियों के बीच कोई वास्तविक मतभेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष के विचारों का सम्मान करते हैं और उन्होंने आयोजकों को भाग लेने में अपनी असमर्थता बता दी है। थरूर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एक महीना पहले, माकपा राज्य पार्टी सम्मेलन के इतर एक सेमिनार के लिए उन्हें इसी तरह का निमंत्रण दिया गया था। उन्होंने कहा, उस अवसर पर भी, मैंने एआईसीसी अध्यक्ष से परामर्श किया और बिना किसी मीडिया विवाद के एक उपयुक्त निर्णय लिया गया।
सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता से अप्रैल में होने वाली माकपा की संगोष्ठी में भाग लेने से परहेज करने को कहा और उन्हें केरल नेतृत्व की बात सुनने का निर्देश दिया। यह घटनाक्रम तब हुआ, जब वह कांग्रेस के बागियों की एक बैठक में शामिल हुए, जाहिर तौर पर वामपंथी संगोष्ठी में भाग लेने की योजना बनाकर उन्होंने कांग्रेस की केरल इकाई को नजरअंदाज किया।
सूत्रों के अनुसार, केरल के कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में पार्टी के संसदीय कार्यालय में सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें इस शर्मनाक घटनाक्रम के बारे में बताया। कांग्रेस के केरल राज्य प्रमुख के. सुधाकरन ने कहा था कि पार्टी की राज्य इकाई ने कन्नूर में अपने राष्ट्रीय सम्मेलन के हिस्से के रूप में माकपा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने वाले पार्टी नेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है और यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसे पार्टी की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
माकपा का 23वां पार्टी अधिवेशन 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक कन्नूर के लालकिले में होगा और इसी दौरान राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। वाम दल ने थरूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री के.वी. थॉमस को राष्ट्रीय राजनीति पर संगोष्ठी में आमंत्रित किया है, क्योंकि ये दोनों के केरल राज्य से आते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने एक बयान जारी किया था कि कांग्रेस के किसी भी नेता को माकपा की संगोष्ठी में भाग नहीं लेना चाहिए, क्योंकि पार्टी पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण माकपा के खिलाफ लड़ रही है।
(आईएएनएस)
Created On :   22 March 2022 12:00 AM IST