पंजाब के मुख्यमंत्री, उनके डिप्टी ने कायरों जैसा व्यवहार किया
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर अपनी जिम्मेदारियों से भागकर कायरों की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समाना कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, पीएम की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, जो गृह विभाग के प्रमुख हैं, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सच्चे नेता जिम्मेदारियां खुद लेते हैं और दूसरों पर बोझ नहीं डालते। अमरिंदर ने बुधवार को प्रधानमंत्री के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई गंभीर सुरक्षा चूक के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा दूसरों पर दोष मढ़ने की कोशिश का जिक्र करते हुए कहा, यह कोई नेतृत्व नहीं है, कायरता है। उन्होंने बठिंडा हवाईअड्डे पर व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री की अगवानी नहीं करने के लिए भी मुख्यमंत्री की आलोचना की।
कैप्टन अमरिंदर ने किसानों से यह भी अपील की कि वे अब सड़कों और रेल पटरियों को अवरुद्ध करना बंद कर दें और इसके बजाय अपने और पंजाब के हित पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि वह किसानों का समर्थन करेंगे, जैसा पहले किया था। उन्होंने कहा, मैंने दिल्ली के टिकरी और सिंघू सीमाओं पर धरना देने वाले किसानों का समर्थन किया और इतना ही नहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का भुगतान किया और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि बुधवार की घटना से पंजाब की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा, पूरी दुनिया देख रही थी कि पंजाब सरकार विभिन्न विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, यह अन्य मोर्चो पर भी पंजाब का नुकसान था, क्योंकि प्रधानमंत्री को 43,000 करोड़ रुपये परियोजनाओं का उद्घाटन करना था, जिसमें कुछ अस्पताल और सड़कें शामिल हैं और अब इनमें देरी हो जाएगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से सावधानी बरतने और सावधानी से मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग अरविंद केजरीवाल और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे लोगों द्वारा किए गए अवास्तविक वादों के बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जहां हर महिला को एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा कर रहे हैं, वहीं सिद्धू दो हजार रुपये देने का वादा कर रहे हैं।
अगर पंजाब की सभी महिलाओं को हर महीने केवल 1,000 रुपये का भुगतान किया जाता है, तो राज्य को इसके लिए लगभग एक लाख बीस हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, क्योंकि राज्य में महिलाओं की कुल आबादी लगभग एक करोड़ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया, क्या आपको लगता है कि यह आर्थिक रूप से संभव है, जब पंजाब लगभग पांच लाख करोड़ रुपये के कर्ज में है?
(आईएएनएस)
Created On :   6 Jan 2022 7:00 PM IST